यह कहानी जीवन के अनित्यता और अस्थिरता पर आधारित है। यह बताती है कि यह वसुधा कभी किसी की नहीं थी और सभी लोग केवल पथिक हैं, जिन्हें अपने हिस्से का जीवन जीना है। जब तक सांस चलती है, तब तक जीवन का प्रमाण बना रहता है, लेकिन अंत में केवल यादें ही बचती हैं। कहानी में यह भी कहा गया है कि जीवन में न तो कभी किसी की भूख पूरी हुई है और न ही कोई तृप्त हुआ है। सभी लोग आते हैं और चले जाते हैं, और जो कुछ भी वे समेटते हैं, वह यहीं रह जाता है। जन्म से मृत्यु तक का जीवन केवल भ्रम, झूठ, और आंशिक सत्य से भरा है। जीवन में सुख और दुख की आशाएं हमेशा बनी रहती हैं, और यह एक जंजाल में बदल जाती हैं। जब कोई बच्चा इस दुनिया में आता है, तो वह रोता है, जबकि दुनिया हंसती है। समय के साथ, व्यक्ति अपने दायित्वों के बोझ तले दब जाता है और अंततः थक जाता है। जीवन के अंत में, व्यक्ति अपने अतीत का लेखा-जोखा करता है और गर्व और पछतावे के साथ अपने पिछले क्षणों को याद करता है। अब न तो शरीर में बल है और न ही मन में संघर्ष की इच्छा। जीवन की संध्या में, व्यक्ति केवल समझौता करता है और अंततः अपनी उमंगें छोड़ देता है। कहानी का मुख्य संदेश है कि जीवन की वास्तविकता और इसके अनित्यता को समझना आवश्यक है, क्योंकि अंत में हर कोई अपने अतीत और भविष्य के साथ अकेला हो जाता है। मेरे अनकहे जज्बात। - अकेला पथिक Mr Un Logical द्वारा हिंदी कविता 3 2.2k Downloads 12.7k Views Writen by Mr Un Logical Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण यह वसुधा न तो कभी किसी की थी न ही यह किसी की है ।सब तो हैं बस एक पथिक जिनको अपने हिस्से का जीना है ।जब तक तन में सांस चलता है इस जीवन का प्रमाण शेेष रहता है ।तब तक तो सब अपने होते हैंं फिर तो बस यादें ही रहती है ।न कभी किसी की भरी क्षुधा न कोई कभी यहाँ तृप्त हुआ । कविता की अपनी एक मंजिल होती है.लेकिन यहाँ कुछ समस्याएँ है प्रकाशित कविताओं में..हम जिस तरह से लिखते है इस साइट के एडिटर उस रूप में भी प्रकाशित करने में असमर्थ हैं और लेखकों को पुनः एडिट करने का मौका भी नही मिलता.इस कारण अक्सर कविता More Likes This Shyari form Guri Baba - 4 द्वारा Guri baba मन की गूंज - भाग 1 द्वारा Rajani Technical Lead मी आणि माझे अहसास - 98 द्वारा Darshita Babubhai Shah लड़के कभी रोते नहीं द्वारा Dev Srivastava Divyam जीवन सरिता नोंन - १ द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" कोई नहीं आप-सा द्वारा उषा जरवाल कविता संग्रह द्वारा Kaushik Dave अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी