राकेश और गौरव अपने मित्र आनंद की अचानक मृत्यु से गहरे सदमे में हैं। राकेश ने बताया कि मानव जीवन अनमोल है और मृत्यु प्रभु के हाथ में है। आनंद की अकस्मात मृत्यु ने उन्हें अंदर तक हिला दिया है। गौरव ने कहा कि आनंद उनके लिए परिवार के सदस्य की तरह था, और उसकी गैरमौजूदगी से वह अकेला महसूस कर रहा है। जब वे आनंद के घर गए, तो उन्हें बताया गया कि आनंद के परिवार को सूचना दे दी गई है और डॉक्टर ने उसे स्वाभाविक मृत्यु का बताया है। रास्ते में, राकेश के ड्राइवर ने बताया कि कुछ लोग आनंद की मृत्यु को आत्महत्या मानते हैं, जबकि कुछ इसे स्वाभाविक मृत्यु या साजिश मानते हैं। गौरव ने इस पर हैरानी जताई और सच्चाई का पता लगाने का निर्णय लिया। आनंद के बारे में और जानकारी जुटाने के लिए, राकेश ने उस डॉक्टर से मिलने की बात की जो उस रात आनंद को देखने आया था। उन्होंने आनंद के ड्राइवर और नौकर से पूछताछ की, जिसमें पता चला कि आनंद ने आत्महत्या की थी और फोन पी बी एक्स से किया गया था, लेकिन रात में फोन करने वाले की पहचान नहीं हो पाई। रमेश, नौकर, ने बताया कि जब वह दूध लेकर गया, तो उसने आनंद को अचेत अवस्था में देखा था। इस रहस्य को सुलझाने के लिए राकेश और गौरव ने और जानकारियाँ जुटाने का निश्चय किया। रात ११ बजे के बाद --भाग १ Rajesh Maheshwari द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 6.7k 3.8k Downloads 11.5k Views Writen by Rajesh Maheshwari Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण राकेश और गौरव गहन सदमे की स्थिति में थे उन्हें विश्वास नही हो रहा था कि उनका मित्र आनंद अब इस दुनिया में नही हैं। राकेश ने गौरव से कहा कि मानव जीवन बहुमूल्य होता है क्योंकि यही हमारी सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों को बनाता है। हमारा जीवन और मृत्यु प्रभु के हाथों में है हम किसी पटकथा के नाटक के पात्र के रूप में आते हैं अपना पात्र निभाकर एक दिन अनंत में विलीन हो जाते है इसी में सुख दुख निहित है। मेरा मन मान नही रहा है कि हमारा मित्र आनंद हमसे बिछुड़ गया है। मैं मानता Novels रात के ग्यारह बजे के बाद राकेश और गौरव गहन सदमे की स्थिति में थे उन्हें विश्वास नही हो रहा था कि उनका मित्र आनंद अब इस दुनिया में नही हैं। राकेश ने गौरव से कहा कि मानव जीवन बह... More Likes This वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान राख की शपथ: पुनर्जन्मी राक्षसी - पाठ 1 द्वारा Arianshika दरवाज़ा: वक़्त के उस पार - 1 द्वारा Naina Khan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी