चार सौ साल पहले वेनिस में लागो नाम का एक व्यक्ति था जो अपने सेनापति ऑथेलो से नाराज था क्योंकि उसे लेफ्टिनेंट नहीं बनाया गया। ऑथेलो ने माइकल केसियो को चुना, जो डेस्टिमोना का दिल जीतने में सफल रहा। लागो का दोस्त रोडेरीगो था, जो डेस्टिमोना को पाने का सपना देखता था। ऑथेलो, जिसे उसके काले रंग के कारण "जंगली" कहा जाता था, एक पूर्व गुलाम था और बहादुर होने के बावजूद उसकी सबसे बड़ी कमजोरी ईर्ष्या थी। एक रात, लागो ने रोडेरीगो को बताया कि ऑथेलो ने डेस्टिमोना को उसके पिता की अनुमति के बिना उठाया है, और दोनों ने मिलकर ब्रबांतीओ को जगाने का फैसला किया। ब्रबांतीओ ने ऑथेलो पर जादू टोने का आरोप लगाया, लेकिन डेस्टिमोना ने स्पष्ट किया कि वह ऑथेलो से प्यार करती है। ऑथेलो और डेस्टिमोना की शादी हो गई, और उन्हें साइप्रस भेजा गया। साइप्रस में, लागो ने केसियो को शराब पिलाकर उसे झगड़ा करने के लिए उकसाया, जिससे ऑथेलो जाग गया और केसियो की पदवी छीन ली। अपमानित केसियो ने अपनी प्रतिष्ठा खोने का विलाप किया। लागो ने केसियो को सलाह दी कि वह डेस्टिमोना के पास जाकर ऑथेलो से क्षमा मांगने की कोशिश करे। इस प्रकार, लागो अपनी चालों के माध्यम से ऑथेलो के जीवन में और अधिक उलझाव लाने की योजना बना रहा था। शेक्सपियर के नाटक ओथेलो का अनुवाद Swapnil Vaish द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 10.2k 5k Downloads 23.8k Views Writen by Swapnil Vaish Category क्लासिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण चार सौ साल पहले वेनिस में लागो नाम का एक निम्न श्रेणी का अवसर रहता था। वो अपने सेनापति ऑथेलो से उसे लेफ्टिनेंट ना बनाये जाने के कारण नफरत करता था। लागो को ना चुन कर ऑथेलो ने माइकल केसियो को चुना क्योंकि उसकी चिकनी चुपड़ी बातों के सहारे ऑथेलो ने डेस्टिमोंना का दिल जीत लिया था। लागो का एक दोस्त था रोडेरीगो जो उसे पैसे दिया करता था और जिसका मानना ये था कि जब तक डेस्टिमोना उसकी नहीं बन जाती वो खुश नहीं हो सकता। ऑथेलो एक जंगली था, वो इतना काला था कि उसके दुश्मन उसे काला More Likes This Last Benchers - 1 द्वारा govind yadav जेन-जी कलाकार - 3 द्वारा Kiko Xoxo अंतर्निहित - 1 द्वारा Vrajesh Shashikant Dave वो जो मैं नहीं था - 1 द्वारा Rohan रुह... - भाग 7 द्वारा Komal Talati कश्मीर भारत का एक अटूट हिस्सा - भाग 1 द्वारा Chanchal Tapsyam बीते समय की रेखा - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी