कहानी "झुकी हुई फूलों भरी डाल" में एक गांव की उमस भरी जून की रात का वर्णन है, जहां नौटंकी का कार्यक्रम चल रहा है। जग्गा नाम का एक व्यक्ति, जो इस तमाशे से हमेशा दूर भागता रहा है, अपने दोस्तों के दबाव में मजबूर होकर कार्यक्रम देखने आता है। गांव में लोग इकट्ठा हो चुके हैं, और एक स्टेज पर नौटंकी शुरू होती है जिसमें लड़के लड़कियों का रूप धारण किए हुए हैं। जग्गा स्टेज पर चल रहे अश्लील मजाक और नाटक को देखकर बेचैन होता है, लेकिन उसके दोस्त जोर-जोर से हंस रहे हैं। जब नाटक में नायिका के प्रेमी का प्रवेश होता है, तो जग्गा की धड़कनें तेज हो जाती हैं, और वह उस दृश्य को देखकर चौंक जाता है। वह अपने दिल की आवाज सुनता है, जो उस तमाशे पर उसकी घृणा को दर्शाती है। कहानी इस प्रकार जग्गा के संघर्ष और उसकी संवेदनाओं को उजागर करती है, जो समाज के तिरस्कार और अश्लीलता के प्रति उसकी अनिच्छा को दर्शाती है। झुकी हुई फूलों भरी डाल - 2 Neelam Kulshreshtha द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 4 2.9k Downloads 6.8k Views Writen by Neelam Kulshreshtha Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण बहुत उमस भरी जून की रात है गाँव के इस खुले मैदान भी रह रहकर गर्दन चिपचिपा रही है। पसीना पोंछते हुए उसका अंगौछा गीला हो चुका है। नौटंकी शुरू होने में बहुत देर है। एक आदमी हॉर्मोनियम पर घिसी पिटी फ़िल्मी धुनें बजा रहा है-`तन डोले मेरा मन डोले `या `एक परदेसी मेरा दिल ले गया `। उसने रघुवीर व गुलामी की तरफ़ कनखियों से देखा, दोनों उसे ऐसे जकड़कर घेरे बैठे हैं कि वह अपनी जगह से हिल भी नहीं सकता। घर में घड़ा फूटने पर उसे अपने घर से बाहर कुंए पर आना पड़ गया था। दोनों ने उसे घेर लिया था, अपने गांव में बहुत मशहूर नौटँकी की पार्टी आई है। वह इन सबसे बहुत दूर भागता रहता है लेकिन आज तो वह फंस ही गया। मजबूरन उसे नौटंकी देखने आना पड़ गया। Novels झुकी हुई फूलों भरी डाल ये नार्थ ईस्ट की लड़की की कहानी है जो होटल मैनेजमेंट करके कर्नाटक के एक रिज़ॉर्ट में काम करने आती है। उसकेअच्छे बुरे अनुभव से परिचित कराती है। ये उस बात... More Likes This रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी