Sadakchhap - 20 book and story is written by dilip kumar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Sadakchhap - 20 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. सड़कछाप - 20 dilip kumar द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 15 3.4k Downloads 10.2k Views Writen by dilip kumar Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अमर कुछ घण्टे वहॉ बिताकर फिर अपने घर लौट आया। लेकिन अपना सब कुछ वहीं छोड़ आया था वो। दिलेराम ने उसे देखकर चैन की सांस ली। अमर को किसी दम चैन ना था। रेवती की बातें उसका कलेजा छलनी किये जा रही थीं। आज उसे अपनी माँ की भी याद आ रही थी, मोह के कारण नहीं, अपने न्याय-अन्याय की तुला पर वो माँ-बेटे के रिश्ते को तौलने लगा। अभी तक वो ये मानता रहा था कि उसकी माँ ने उसके साथ अन्याय किया लेकिन आज वो खुद को न्याय के कटघरे में खड़ा करके जिरह-बहस कर रहा था। ऐसा क्या था जिसकी वजह से उसकी माँ को ये कदम उठाना पड़ा। बड़ी देर तक माथापच्ची करने के बाद भी उसे उसकी मां का पक्ष समझ में नही आया। उसने निश्चय किया कि इन झंझावतों से निकलने के बाद वो अपनी माँ से मिलेगा। अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी