इस कहानी में विभिन्न भावनाओं और विचारों का समावेश है। 1. **दुनिया का भ्रम**: व्यक्ति रेत के समुद्र जैसी दुनिया में खोया हुआ है, जहाँ वास्तविकता का पता लगाना मुश्किल है। 2. **प्रेम का प्रभाव**: किसी के आने से जीवन में तूफान आ जाता है, जिससे नकारात्मकता बढ़ती है। 3. **आत्मसंघर्ष**: मीलों की यात्रा में व्यक्ति के अरमानों ने उसे चोट पहुँचाई, न कि बाहरी तूफानों ने। 4. **दिल की स्थिरता**: दिल में बदलाव नहीं आता, और दूसरों की नकारात्मकता से संभलना कठिन होता है। 5. **दर्द की अनुभूति**: दर्द को जताने में कोई खासता नहीं होती, यह छुपा हुआ रहता है। 6. **हंसी का पल**: एक मजेदार घटना में देवी ने गधे को उलझन में डाल दिया। 7. **अपनी पहचान**: व्यक्ति अपनी जाति और औकात में रहकर संतुष्ट है। 8. **धन और वास्तविकता**: अमीर होने का भ्रम न पालें, असलियत में हर कोई अपने संघर्ष में है। 9. **दिल की वास्तविकता**: दिल का आवारा होना एक असलियत है, किनारा नहीं मिलने का दुःख है। 10. **वकील का जीवन**: वकीलों का जीवन जीत और हार के बीच में झूलता है। 11. **बच्चों की मासूमियत**: बच्चे दादा की नजर में हमेशा नवाब जैसे होते हैं। 12. **पारिवारिक जिम्मेदारी**: पिता ने परिवार की जिम्मेदारियों को उठाया है। 13. **दुनियादारी का सबक**: जीवन में ईमानदारी का महत्व है, भले ही कुछ गलतियों के साथ। 14. **नारी का स्थान**: नारी की रीति सदियों से चली आ रही है। 15. **स्वतंत्रता का महत्व**: परिंदे को केवल आसमान की जरूरत होती है, न कि बंधनों की। 16. **बुरा वक्त**: बुरा समय बीतता है, लेकिन आदमी संभल नहीं पाता। 17. **देश का संकट**: मुल्क खतरे में है और हर जगह शकुनियों का प्रभाव है। 18. वहम Ajay Amitabh Suman द्वारा हिंदी कविता 1.2k 1.5k Downloads 6.7k Views Writen by Ajay Amitabh Suman Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 1.रेत के समंदर सी दुनिया में हम हैं,पता भी चले कैसे ये कैसा भरम है? 2.जब भी आते हो , कहर लाते हो।गाँव मे मेरे क्यों, शहर लाते हो? 3.मीलों की सफर न तूफानों ने मारा ,मुझको तो मेरे अरमानों ने मारा।पंखों में मेरे ना ताकत कोई कम थी, अनचाहे थे मेरे उड़ानों ने मारा। 4.क्या करूँ कि दिल बदलता नहीं,औरों को गिरा के संभलता नहीं। 5.क्या खूब हो दर्द को जताते भी नहीं,बताते भी नहीं, छुपाते भी नहीं। 6.देख के गधा चकराया,ये चोटी वाली दीदी,भुल हुई कैसे ईश्वर से,सर में पुंछ लगा दी? 7.ये ठीक हीं तो था कि More Likes This जिंदगी संघर्ष से सुकून तक कविताएं - 1 द्वारा Kuldeep Singh पर्यावरण पर गीत – हरा-भरा रखो ये जग सारा द्वारा Poonam Kumari My Shayari Book - 2 द्वारा Roshan baiplawat मेरे शब्द ( संग्रह ) द्वारा Apurv Adarsh स्याही के शब्द - 1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik अदृश्य त्याग अर्धांगिनी - 1 द्वारा archana ग़ज़ल - सहारा में चल के देखते हैं - प्रस्तावना द्वारा alka agrwal raj अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी