यह कहानी "पड़ोसी धर्म" पर आधारित है, जिसमें मानवता और सहानुभूति का एक महत्वपूर्ण उदाहरण प्रस्तुत किया गया है। श्रीमती ममता गिरिराज चाचा ने एक घटना का वर्णन किया, जिसमें 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा का शिकार एक सिख परिवार हुआ, जिसका मुखिया उस समय घर पर नहीं था। उनकी पत्नी और बच्चे अकेले थे, जब उग्र भीड़ उनके घर पर हमला करने लगी। गिरिराज चाचा ने साहस दिखाते हुए सरदारनी को सुरक्षित करने का निर्णय लिया। उन्होंने सरदारनी को ओढ़ने के लिए कपड़ा दिया और उन्हें अपने घर ले आए। इस बीच, भीड़ ने सरदार जी के घर में आग लगा दी और लूटपाट की। पुलिस और दमकल का कोई भी मदद नहीं कर सका। गिरिराज चाचा ने अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर सरदारनी और बच्चों को सुरक्षित रखने का प्रयास किया, लेकिन उनके मकान मालिक और अन्य लोग नाराज हो गए जब यह पता चला कि सरदारनी उनके घर में हैं। गिरिराज चाचा और पड़ोसियों ने मिलकर भीड़ को समझाने की कोशिश की, ताकि कोई और हिंसा न हो। यह कहानी मानवीयता, साहस और सहानुभूति का एक सशक्त उदाहरण है, जो दिखाती है कि कठिन समय में एकता और पड़ोसी धर्म कितना महत्वपूर्ण होता है। जीवन को सफल नही सार्थक बनाये भाग - ८ Rajesh Maheshwari द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 4 2.8k Downloads 9.6k Views Writen by Rajesh Maheshwari Category प्रेरक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 71. पड़ोसी धर्म आम आदमी की जिंदगी मे भी कुछ घटनाएँ इस तरह घटित होती है कि व्यक्ति के मस्तिष्क में अंकित हो जाती है और उसे मानवीय आधार पर कार्य करने की प्रेरणा देती है। ऐसा कहते हुए श्रीमती ममता गिरिराज चाचा ने एक घटना के विषय में विस्तारपूर्वक बताया जिसने उनके मन, मस्तिष्क को झकझोर दिया था। वे अपने परिवार के साथ जिस स्थान पर निवास करती थी, वहाँ चर्च, गुरूद्वारा, मंदिर एवं मस्जिद बने हुए थे और सभी धर्म के अनुयायी अपने अपने धर्म और श्रद्धा के अनुसार पूजन, अर्चन, वंदन करते हुए अपने परिवार के Novels जीवन को सफल नही सार्थक बनाए आत्म कथ्य जीवन और हम जीवन में असफलताओं को करो स्वीकार मत होना निराश इससे होगा वास्तविकता का अहसास। असफलता को सफलता में परिवर्तित करने का करो प्रयास।... More Likes This जादुई मुंदरी - 1 द्वारा Darkness दस महाविद्या साधना - 1 द्वारा Darkness श्री गुरु नानक देव जी - 1 द्वारा Singh Pams शब्दों का बोझ - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR नारद भक्ति सूत्र - 13. कर्म फल का त्याग द्वारा Radhey Shreemali कोशिश - अंधेरे से जिंदगी के उजाले तक - 3 - (अंतिम भाग) द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR काफला यूँ ही चलता रहा - 1 द्वारा Neeraj Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी