रुद्र संजय शर्मा एक नई प्रकार की व्यंगात्मक कहानी के बारे में बताते हैं, जो अन्य व्यंग रचनाओं से अलग है। वे इसे व्यंगात्मक कहानी का एक नया स्वरूप मानते हैं, जिसे पहले कभी नहीं लिखा गया। इस प्रकार की कहानी की रचना के लिए एक चयनित समूह के सदस्यों के नामों का उपयोग किया जाता है और कहानीकार को उन नामों के पीछे उपनाम जोड़ने होते हैं, जिससे वाक्य का अर्थ बदल जाता है। उदाहरण के तौर पर, "आज की स्पर्धा में श्याम ने मुरली को बजाया" को "श्याम ने मुरली गुप्ता को बजाया" में बदलने पर अर्थ में परिवर्तन होता है। शर्मा उम्मीद करते हैं कि उनकी यह व्यंगात्मक कहानी पाठकों को पसंद आएगी और वे भी ऐसी कहानियों की रचना करेंगे।
व्यंगात्मक कहानी का दूसरा प्रकार
Rudra S. Sharma
द्वारा
हिंदी पत्रिका
Four Stars
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विवरण
लेखक -रुद्र संजय शर्मा 【ध्यान से पढ़े तत्पश्चाय ही टिप्पणी करें】यह व्यंग रचना अभी जो व्यंग रचनाएँ होती है उनसे पूर्णतः अलग है I इसी लिए मैं इसे व्यंगात्मक कहानी का दूसरा प्रकार कहता हूँI हिंदी साहित्य में इसका प्रारंभ मैंने यानी रुद्र संजय शर्मा ने ही किया हैIआशा है आप सभी को भी इस प्रकार की व्यंग रचनाओ में रुचि होगी और आप भी भविष्य में इस तरह की रचनाएँ करेंगेI
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