"शांतनु" उपन्यास में, ज्वलंतभाई और अनुश्री मिलकर रसोई में खाना बनाने की तैयारी कर रहे हैं। अनुश्री ने मजाक करते हुए कहा कि शांतनु को भिंडी पसंद नहीं है, लेकिन वह आज उसे पसंद करवा देगी। अनुश्री का आत्मविश्वास और अधिकार जताने का तरीका शांतनु को बहुत भाता है। ज्वलंतभाई भावुक होकर याद करते हैं कि धरित्री के बाद पहली बार कोई महिला उनकी रसोई में खाना बना रही है। शांतनु और ज्वलंतभाई लिविंग रूम में बैठकर क्रिकेट मैच देखने लगते हैं, लेकिन अचानक शांतनु को अपने दोस्त अक्षय की याद आती है, जो बारिश में अपने पिता के साथ वडोदरा गए हैं। शांतनु अपने दोस्त को कॉल करके उनकी स्थिति पूछता है। इस दौरान, वह अनुश्री के नए रूप को देखकर आश्चर्यचकित होता है, जो पहले की तुलना में अधिक नटखट और आत्मविश्वास से भरी नजर आ रही है। शांतनु - १३ Siddharth Chhaya द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 19 990 Downloads 2k Views Writen by Siddharth Chhaya Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण शांतनु लेखक: सिद्धार्थ छाया (मातृभारती पर प्रकाशित सबसे लोकप्रिय गुजराती उपन्यासों में से एक ‘शांतनु’ का हिन्दी रूपांतरण) तेरह “भाई शांतनु, हमने तो सफ़ेद झंडी दिखा दी...युध्द विराम!! आइए अनुश्री मैं आप को हमारे रसोईघर से मिलवाता हूँ...” कह कर ज्वलंतभाई खड़े हुए| “कौन कौन सी सब्जियाँ है?” रसोई में घुसते ही अनुश्री बोली| “फ़िलहाल तो सिर्फ़ भिंडी और आलू ही है, पर हमारे शांतनुभाई को भिंडी ज़रा भी पसंद नहीं है|” ज्वलंतभाई हंसते हुए बोले| उनकी बात सुन कर अनुश्री ज्वलंतभाई के पीछे खड़े शांतनु की ओर देख कर हंस पड़ी| “आज उन्हें भिंडी पसंद आएगी, आई बेट! अंकल Novels शांतनु शांतनु मातृभारती पर इसी नाम से अत्यंत लोकप्रिय साबित हुए गुजराती उपन्यास का हिन्दी रूपांतरण है इस उपन्यास में एक तरफ़ा प्रेम और दोस्ती की ऊंचाईयों को... More Likes This इश्क़ बेनाम - 1 द्वारा अशोक असफल शोहरत की कीमत - 1 द्वारा बैरागी दिलीप दास रंग है रवाभाई ! द्वारा Chaudhary Viral बाजी किस ने प्यार की जीती या हारी - 1 द्वारा S Sinha समुंद्र के उस पार - 1 द्वारा Neha kariyaal जग्या लॉस्ट हिज़ वीरा - भाग 2 द्वारा Jagmal Dhanda इश्क की लाइब्रेरी। - 1 द्वारा Maya Hanchate अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी