कोमल अपने पिता से रौशनी वाली लाइट की मांग करती है, लेकिन उसके पिता रामजी का परिवार आर्थिक संकट में है। दिवाली नजदीक आ रही है, लेकिन बारिश के कारण उनकी फसल खराब हो गई है और उनके पास कुछ भी नहीं है। रामजी और अन्य लोग इस स्थिति के बारे में बात करते हैं और निराश होते हैं। कोमल को यह चिंता होती है कि उसके पिता आत्महत्या कर सकते हैं, इसलिए वह उनसे कहती है कि उसे रौशनी की जरूरत नहीं है और कपड़े भी चाहिए। एक दिन, रामजी एक दूसरे शहर में काम करने के लिए जाते हैं, जबकि कोमल उनकी वापसी का इंतजार करती है। रामजी काम करके पैसे कमाते हैं और दुकानदार को बताते हैं कि उन्हें सिक्कों की बजाय पैसे चाहिए, ताकि वह अपनी बेटी के लिए रौशनी की लाइट और अन्य सामान खरीद सकें। दुकानदार उनकी मेहनत की सराहना करते हुए उन्हें कपड़े, मिठाई और पैसे देने का आश्वासन देता है। अंत में, रामजी की मेहनत उनके परिवार के लिए खुशियाँ लाने का वादा करती है। रौशनी Richa Modi द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 7.2k 2k Downloads 7.1k Views Writen by Richa Modi Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण रौशनी का मतलब दिवाली ,दिवाली मे हर घर मे रौशनी होना जरुरी है। बेटी के लिए उसके पापा का प्रेम सबसे उपर होता है और वो इस कहानी मे है। More Likes This देवर्षि नारद की महान गाथाएं - 1 द्वारा Anshu पवित्र बहु - 1 द्वारा archana ज़िंदगी की खोज - 1 द्वारा Neha kariyaal अधूरा इश्क़ एक और गुनाह - 1 द्वारा archana सुकून - भाग 1 द्वारा Sunita आरव और सूरज द्वारा Rohan Beniwal विक्रम और बेताल - 1 द्वारा Vedant Kana अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी