Dhyan aur purnjanm book and story is written by Ajay Amitabh Suman in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Dhyan aur purnjanm is also popular in Spiritual Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. ध्यान और पुनर्जन्म Ajay Amitabh Suman द्वारा हिंदी आध्यात्मिक कथा 52 2k Downloads 7.5k Views Writen by Ajay Amitabh Suman Category आध्यात्मिक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जब जब कोई मेरे अहम पर चोट पहुँचाता, तब तब मेरे मन में बैर उपजता। तब तब ध्यान के समय ये नकारात्मक विचार मुझे परेशान करने लगते। मेरे अहम को ध्यान का समय ही सबसे उपयुक्त लगता, मेरे तथाकथित शत्रु को हराकर स्वयं के विजय का रसास्वादन के लिए। कारण कि यहाँ पे कोई रोकने वाला नहीं था। मुझे महर्षि रमण की बात याद आने लगी। नफरत, क्रोध , बैर की भावना दीवाल में लगी हुई खूँटियों की भाँति कार्य करती है। इस कारण जीवात्मा स्वयं को जन्म और मरण रूपी दीवाल पर बार बार टांग देता है। जब जब आप किसी के प्रति नकारात्मक विचार निर्मित करते हैं, एक बात तो तय है... More Likes This बुजुर्गो का आशिष - 3 द्वारा Ashish स्पंदन - 1 द्वारा Madhavi Marathe भगवान् के चौबीस अवतारों की कथा -8 द्वारा Renu चैनल की डिश वाला भूत द्वारा Aariz Billan आत्मज्ञान की यात्रा - सारांश द्वारा atul nalavade मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 1 द्वारा Sonali Rawat पावागढ़ मंदिर - भाग 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी