कहानी "तिलमिलाहट" में दीनदयाल नाम का युवक नौकर के रूप में काम करने आता है। नियोक्ता उसे "दीनू" कहते हैं, लेकिन दीनदयाल अपनी पहचान को बनाए रखते हुए अपना असली नाम बताता है। वह स्पष्ट करता है कि वह सेवा बेच रहा है और "मालिक" शब्द का उपयोग नहीं करना चाहता। नियोक्ता उसकी बातों को नजरअंदाज करते हुए उसे गिड़गिड़ाने की सलाह देता है। एक दिन, दीनदयाल सफाई के दौरान एक फूलदान तोड़ देता है, और नियोक्ता उसे फिर से "दीनू" कहकर पुकारता है। दीनदयाल अपनी स्थिति के प्रति दृढ़ता से अपना नाम बताता है, लेकिन नियोक्ता उसकी अवहेलना करता है। कहानी में दीनदयाल की आत्म-सम्मान और नियोक्ता के दर्प का संघर्ष दिखाया गया है। स्वाभिमान - लघुकथा - 54 Krishanlata Yadav द्वारा हिंदी लघुकथा 3.3k 1.1k Downloads 3.3k Views Writen by Krishanlata Yadav Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण नौकर के रूप में काम पाने आए युवक से नियोक्ता ने प्रश्न किया, ‘तुम्हारा नाम ?’ ‘दीनदयाल।’ ‘दीनदयाल यानी दीनू ?’ ‘दीनू नहीं, सर, दीनदयाल।’ ‘सर नहीं, मालिक बोलो। नौकरों की ज़ुबान पर एक यही शब्द ठीक जँचता है।’ More Likes This नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी