यह कहानी एक कबाड़ वाले लड़के की है जो रजनी से उसके गार्डन की सफाई करने के लिए पैसे मांगता है। शुरू में वह तीन सौ रुपये मांगता है, लेकिन मोलभाव के बाद दो सौ रुपये में काम करने के लिए सहमत होता है। लड़का मेहनत करता है और काम को अच्छी तरह से पूरा करता है। जब रजनी उसे पैसे देती है, तो वह खाने की एक थैली भी देती है। लड़का खाने की थैली को सड़कों पर गिरकर कुत्तों के सामने पलटता है, लेकिन वह उसे अपने झोले में रख लेता है। वह मुस्कुराते हुए वहाँ से चला जाता है, उसके चेहरे पर स्वाभिमान की चमक साफ नजर आती है। इस कहानी में मेहनत, स्वाभिमान और संतोष का संदेश है। स्वाभिमान - लघुकथा - 53 Asha sharma द्वारा हिंदी लघुकथा 5 1.2k Downloads 3.9k Views Writen by Asha sharma Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण सुनो लड़के! जरा इस गार्डन की साफ़-सफाई कर दोगे? कितने पैसे लोगे?” बाहर गली में कबाड़ वाले लड़के की आवाज सुनकर रजनी बाहर आई. More Likes This नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी