The story begins at midnight when two individuals are lying far apart at the opposite corners of a bed. Despite the physical distance, they are mentally drifting further away from each other. The narrative captures a sense of separation and emotional distance that has developed between them over time. स्वाभिमान - लघुकथा - 40 Seema Bhatia द्वारा हिंदी लघुकथा 4 978 Downloads 3.2k Views Writen by Seema Bhatia Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण रात के बारह बजे थे। बिस्तर के दो कोनों दूर दूर पर पड़े दोनों मन से भी निरंतर दूर होते जा रहे थे। मोहन के दम्भी स्वभाव के आगे सरल सविता बेबस हो जाती थी। जरा जरा सी बात पर नुक्स निकालना, औरत को दबाकर रखने की प्रवृत्ति शायद संस्कारों की ही कमी थी। पर उस दिन तो हद हो गई जब अपने दोस्त की जन्मदिन की पार्टी से बेटे के घर जरा सी देरी से आने की जरा सी बात पर वाद विवाद को बढ़ाते हुए मोहन ने गालियों के साथ साथ हाथ उठाने की कसर भी पूरी कर दी। बेटे के दुर्व्यवहार को देखते हुए भी सास ससुर की खामोशी ने सविता को तोड़कर रख दिया था। More Likes This सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari Chai ki Pyali - 1 द्वारा Mansi गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां - भाग 1 द्वारा Anarchy Short Story अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी