The story revolves around a character named Suhasini who is in a state of confusion or uncertainty during the night. She wonders about the person who could be at the door at ten o'clock. Meanwhile, another character, Pankaj, is seen at the door, which adds to the suspense of who might be visiting at that late hour. The narrative hints at a moment of anticipation and mystery, leaving readers intrigued about the interactions that might unfold next. स्वाभिमान - लघुकथा - 38 Savita Indra Gupta द्वारा हिंदी लघुकथा 6 1k Downloads 4.5k Views Writen by Savita Indra Gupta Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण दरवाजे पर पंकज को देख, पल भर को आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। खड़ी की खड़ी रह गयी ... नि:शब्द, हतप्रभ। सात फेरों के बंधन के बावजूद, पिछले तीस वर्षों से दोनों के बीच में अबोला था। इस बीच नारी सुलभ भावनाओं की लता सूख कर निष्प्राण हो चुकी थी। सुहासिनी का मन हुआ कि फटाक से दरवाजा बंद कर आराम से सोने चल दे लेकिन स्त्री का संवेदनशील मन जाने किस धातु का बना है, चोट पर चोट खाने के बाद भी धड़कना नहीं छोड़ता। More Likes This Chai ki Pyali - 1 द्वारा Mansi गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां - भाग 1 द्वारा Amit Kumar HIDDEN BILLIONAIRE - 1 द्वारा Dhiru Shukla बेधड़क दरोगा जी द्वारा Devendra Kumar राधे ..... प्रेम की अंगुठी दास्तां - 1 द्वारा Soni shakya चिंगारी: जो बुझी नहीं - 1 द्वारा Sumit Sharma परिमल - 1 द्वारा Madhavi Marathe अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी