यह कहानी तैमूर लंग की है, जो हिन्दुस्तान को जीतने का संकल्प लेते हैं। उन्होंने अपने लश्कर के सेनापतियों से सलाह ली और विभिन्न सुझाव प्राप्त किए। कुछ सेनापतियों ने हिन्दुस्तान की संपत्ति हासिल करने की योजना बनाई, जबकि अन्य ने वहाँ के मजबूत किलों और हाथियों की आवश्यकता का जिक्र किया। अंततः तैमूर ने कुरान से फाल निकालकर हमले का निर्णय लिया। उन्होंने अपने सेनापतियों को आदेश दिया कि वे हिन्दुस्तान की विभिन्न दिशाओं से आक्रमण करें। तैमूर ने खुद तीस हजार सवारों के साथ हिन्दुस्तान की ओर बढ़ने का निश्चय किया। जब वह हिन्दुस्तान पहुँचे, तो दिल्ली का सुलतान महमूद अपने किले में छिप गया। तैमूर ने एक छोटी फौज को भेजा जिससे दुश्मन को यह आभास हुआ कि तैमूर की सेना कमज़ोर है। यह देखकर दुश्मन ने किला छोड़ दिया और मैदान में आ गया। तैमूर ने इस मौके का लाभ उठाया और अपनी पूरी सेना के साथ हमला किया, जिससे दुश्मन को भारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। इस विजय के परिणामस्वरूप तैमूर को बहुत सारा माल और साजो-सामान प्राप्त हुआ। चर्चित यात्राकथाएं - 3 MB (Official) द्वारा हिंदी यात्रा विशेष 3.1k 3.6k Downloads 8.5k Views Writen by MB (Official) Category यात्रा विशेष पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मैंने हिन्दुस्तान को जीतने के लिए अपने लश्कर के सेनापतियों से मशवरा किया, चुनांचे उन्होंने मुझे विभिन्न मशवरे दिये। अमीरजादा पीर मुहम्मद ने हिन्दुस्तान को फतह करने और वहाँ धन-दौलत को हासिल करने की तजवीजें पेश कीं। अमीरजादा मुहम्मद सुलतान ने वहाँ के मजबूत किलों का जिक्र किया और कहा कि हाथियों का भी बन्दोबस्त होना चाहिए। सुलतान हसीन ने कहा कि अगर हम हिन्दुस्तान पर कब्जा कर लें तो दुनिया का एक चौथाई हिस्सा हमारा हो जाएगा। कई सरदारों ने कहा कि अगर हमने हिन्दुस्तान फतह कर लिया और वहाँ स्थायी तौर पर रहने लगे तो हमारे बेटे और पोते अपनी फौजी तंजीम से खारिज हो जाएँगे और इस तरह हमारी नस्ल बरबाद हो जाएगी। लेकिन चूँकि मैं अपने दिल में हिन्दुस्तान को फतह करने का दृढ़ संकल्प कर चुका था, इसलिए मैंने यह कहकर उनका मुँह बन्द कर दिया कि मैं कुरान मजीद से फाल निकालता हूँ और जो फाल निकली, उसके अनुसार अमल किया जाएगा। Novels चर्चित यात्राकथाएं इब्नबतूता (1304-1368-69) मोरक्को का निवासी, 22 वर्ष की आयु में यात्रा पर प्रस्थान। 28 वर्ष तक अरब, पूर्वी अफ्रीका, भारत, चीन, फारस, दक्षिणी रूस, मिस्र... More Likes This कांचा - भाग 2 द्वारा Raj Phulware अंतरा - भाग 1 द्वारा Raj Phulware संस्कृति का पथिक - 1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik सत्रह बरस की तन्हा कहानी - 1 द्वारा yafshu love कलकत्ता यात्रा (प्रथम संस्मरण ) द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी वक़्त की क़ैद: ऐत-बेनहद्दू की दीवारों में जो दबा है - 1 द्वारा Tiths Empire भोले के द्वार तक द्वारा kajal Thakur अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी