रमा, एक मेहनती महिला, अपने पति की शराब की लत के कारण अपनी बेटी सलोनी की देखभाल और पढ़ाई के लिए संघर्ष कर रही है। एक दिन, काम पर देर होने पर उसकी सास अम्मा जी उसे बताती हैं कि उसकी बेटी का जन्मदिन है और उसे एक ड्रेस दी जाती है जो उनकी पोती पिंकी ने बहुत कम पहनी है। रमा इस उपहार को स्वीकार करने में असमंजस में है क्योंकि वह किसी से कुछ मांगना पसंद नहीं करती। कहानी स्वाभिमान और मेहनत की मूल्य को उजागर करती है, जैसे रमा अपनी मेहनत पर विश्वास रखती है और अपनी बेटी के भविष्य के लिए पूरी मेहनत कर रही है। स्वाभिमान - लघुकथा - 14 Ashish Kumar Trivedi द्वारा हिंदी लघुकथा 3.6k 1.7k Downloads 6.6k Views Writen by Ashish Kumar Trivedi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अरे रमा आज काम पर आने में देर कर दी। रमा के घर में कदम रखते ही अम्मा जी ने पूँछा। हाँ आज मेरी बिटिया सलोनी का जन्मदिन है। बस उसके लिए ही कुछ बना रही थी। इसलिए देर हो गई। कितनी बड़ी है तुम्हारी बिटिया ? More Likes This यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 1 द्वारा Bikash parajuli Trupti - 1 द्वारा sach tar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी