The story revolves around a conversation where one character invites another to drink tea, suggesting that work will continue regardless. However, another character, Meeta, insists that she will not come and will stay where she is. The dialogue reflects a casual interaction among friends, emphasizing the everyday moments of life. स्वाभिमान - लघुकथा - 9 Anjali Cipher द्वारा हिंदी लघुकथा 5.5k 1.4k Downloads 4.7k Views Writen by Anjali Cipher Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण रानो, आओ चाय पी लो । काम तो चलता रहेगा। नहीं मीता दी, यहीं दे दो । खड़े खड़े ही पी लूँगी। अरी, बाकी महरियाँ तो सारा काम धाम छोड़, ठाठ से बराबर बैठ कर चाय पीती हैं । एक तू ही अनोखी देखी मैंने। सालों से एक ही जवाब। क्यूँ भला। आज ये तो बता। More Likes This नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी