गणेश उत्सव के समय आगरकर परिवार में गणपति की स्थापना की तैयारी चल रही थी। परिवार के बच्चे - संदीप, अनय, मुकेश, नीरज, और वेदिका - हमेशा की तरह उत्साहित थे, लेकिन इस बार वे चिंतित थे। संदीप ने बताया कि यह उनके घर में गणपति का आखिरी आगमन होगा क्योंकि बिल्डर केदारनाथ मेहता द्वारा उनका घर खरीद लिया जाएगा, जिससे वे सब अलग हो जाएंगे। यह सुनकर वेदिका रोने लगी, क्योंकि सभी बच्चों को अपने घर से बहुत प्यार था। उनका घर 'वैदेही निवास' था, जिसे उनके परदादा मनोहर आगरकर ने प्यार से बनवाया था। घर में कई पीढ़ियाँ बसी थीं, लेकिन अब बड़ों के बीच मनमुटाव और घर के बिकने की वजह से बच्चों में उदासी छाई हुई थी। गणेश उत्सव की तैयारियों के बीच, परिवार की एकता और उनके प्यारे घर की यादें सभी के दिलों में बसी हुई थीं। अपना घर बचाना है.... Ashish Kumar Trivedi द्वारा हिंदी बाल कथाएँ 13 1.3k Downloads 8.7k Views Writen by Ashish Kumar Trivedi Category बाल कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण इस गणपति उत्सव पर आगरकर परिवार के बच्चे उदास थे। उनका प्यारा वैदेही निवास बिकने वाला था। इस घर में यह उनका एक साथ आखिरी गणपति उत्सव था। उसके बाद आपस में प्यार करने वाले संदीप, नीरज, मुकेश, अनय और वेदिका अलग हो जाने वाले थे। पर उनके दोस्त विनायक ने कमाल कर दिया। जानने के लिए पढ़ें...... More Likes This अमृत की खोज द्वारा ANOKHI JHA तेरी मेरी यारी - 1 द्वारा Ashish Kumar Trivedi आम का बगीचा - भाग 1 द्वारा pooja एक बस स्टॉप द्वारा Birendrapatel विवान द सुपर स्टार - 1 द्वारा Himanshu Singh मिन्नी और चीकी की दोस्ती द्वारा MB (Official) आपकी मुस्कान द्वारा DINESH KUMAR KEER अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी