Swabhiman - Laghukatha - 5 book and story is written by Shashi bansal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Swabhiman - Laghukatha - 5 is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. स्वाभिमान - लघुकथा - 5 Shashi Bansal Goyal द्वारा हिंदी लघुकथा 1 1.5k Downloads 3.3k Views Writen by Shashi Bansal Goyal Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण रामलीला के मंचन की समाप्ति के पश्चात् राम का रूप धरा हुआ पात्र हाथों में धनुष बाण लिए मंच से उतरकर रावण के पुतला दहन के लिए धीरे धीरे आगे बढ़ रहा था । उसके पास आते ही लोग जय श्री राम के जयकारे लगाने लगे । भीड़ में खड़ी जानकी के हाथ भी श्रद्धावश जुड़ गए ।वह भी जयकारे लगाने ही वाली थी कि उसकी दृष्टि और समीप आ चुके पात्र राम पर पड़ी ।अब वह उसे स्पष्ट पहचान पा रही थी । पहचानते ही उसके होठों पर विद्रूप हँसी आ गई और उसकी आँखों के सामने उस दिन का दृश्य आ खड़ा हुआ । अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी