Swabhiman - Laghukatha - 4 book and story is written by Kirti Gandhi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Swabhiman - Laghukatha - 4 is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. स्वाभिमान - लघुकथा - 4 Kirti Gandhi द्वारा हिंदी लघुकथा 6 649 Downloads 2.8k Views Writen by Kirti Gandhi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण आज शीला की शादी का दिन था। पिछले सात महीनों से वैभव उसके प्रति जिस प्यार का इजहार करता आ रहा था, उससे शीला भी बहुत खुश थी। इतना बड़ा घर और पढ़ा- लिखा लड़का, उसे तो खुद से खुशनसीब कोई नजर ही नहीं आ रहा था। फेरो के समय उसने कनखियों से वैभव को देखा तो वह भी उसे देखकर मुस्कुरा रहा था ।पंडितजी के मंत्री चल रहे थे और वह अपने भविष्य के सपने बुन रही थी । अचानक रूक जाओ शब्द ने उसकी तल्लीनता भंग कर दी। वैभव के पिता कह रहे थे , हमारे घर की परंपरा है कि लड़की वाले जब 50 हजार रुपये देते हैं तभी लड़का फेरों के लिए पैर आगे बढ़ाता है। अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी