कहानी "अपने पराये" एक परिवार के जटिल रिश्तों पर आधारित है, जिसमें माँ-पिता और बेटी के बीच मतभेद और उलझनें हैं। बारिश के मौसम में राधिका घर लौटती है, जहाँ उसकी माँ उसे कपड़े बदलने के लिए कहती है। बातचीत में राधिका राजेश को एक नेक इंसान बताती है, जबकि उसकी माँ उस पर व्यंग्य करती है। राधिका और उसकी माँ के बीच राजेश के बारे में चर्चा होती है, जिसमें राधिका का गुस्सा और माँ का व्यंग्य स्पष्ट होता है। कहानी में पारिवारिक संबंधों की जटिलता और भावनाओं का संघर्ष दर्शाया गया है। अपने पराये Ravi द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 5.9k 6.1k Downloads 25.1k Views Writen by Ravi Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण हम कभी खुदपर दृष्टि नहीं डालते कि हमने बीते दिनों में कोई पाप किया है या मुँह छुपाने जैसा कोई काम। हम केवल सामने की ओर उंगली उठाते हैं। जब कि सच तो ये हैं धूल चेहरे पे है, आईने पे नहीं। More Likes This देवर्षि नारद की महान गाथाएं - 1 द्वारा Anshu पवित्र बहु - 1 द्वारा archana ज़िंदगी की खोज - 1 द्वारा Neha kariyaal अधूरा इश्क़ एक और गुनाह - 1 द्वारा archana सुकून - भाग 1 द्वारा Sunita आरव और सूरज द्वारा Rohan Beniwal विक्रम और बेताल - 1 द्वारा Vedant Kana अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी