यह कहानी ज़ेबा की है, जो एक युवा लड़की है जो मुशायरा सुनने की शौकीन है, लेकिन खुद नहीं लिखती। उसके पिता के निधन और माँ के बिखराव ने उसे चुप कर दिया है। ज़ेबा ने केवल मेट्रिक तक पढ़ाई की है और अपने परिवार की जिम्मेदारियों में उलझी हुई है। कहानी में फ़राज़ भी है, जो ज़ेबा से दो साल बड़ा है और एक अभिनेता बनने का सपना देखता है। दोनों की मुलाकात तीन साल पहले हुई थी। फ़राज़ लाहौर में जन्मा है और दोनों देशों के प्रति उसकी गहरी मोहब्बत है। कहानी दिल्ली में शुरू होती है, जहाँ फ़राज़ ज़ेबा के घर आता है। ज़ेबा फ़राज़ से नाराज़ है क्योंकि वह अपनी माँ से उनकी शादी की बात नहीं करता। फ़राज़ ज़ेबा को उसकी खूबसूरती की तारीफ करता है, लेकिन ज़ेबा उसे मनाने की कोशिश करने से मना कर देती है। कहानी ज़ेबा की दृष्टि से आगे बढ़ती है, जहाँ उसके और फ़राज़ के बीच के भावनात्मक रिश्ते को उजागर किया गया है। ज़ेबा Ravi द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 9 1.9k Downloads 7.1k Views Writen by Ravi Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ज़ेबा की कहानी जो एक आम लड़की से बनती है एक स्टार। ज़िन्दगी के कुछ मोड़ो पर खुद से हारती और जीतती ज़ेबा की कहानी। एक सस्पेंस में डूबा लघु उपन्यास। More Likes This रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी