यह कहानी एक बच्चे की है, जो अपने घर में एक पुरानी घड़ी पाता है। उसके पिता बताते हैं कि यह घड़ी राजा विक्रमादित्य के समय की है और उनके पूर्वजों द्वारा दी गई थी। बच्चे को घड़ी की खराब हालत देखकर इसे ठीक करने का विचार आता है, ताकि वह अपने पूर्वजों को प्रसन्न कर सके। वह घड़ी को खोलने की कोशिश करता है, लेकिन अंदर के जटिल पुर्जों को देखकर उसे समझ नहीं आता कि क्या करना है। डर और चिंता में घिरी, वह सोचा करता है कि उसने घड़ी को क्यों खोला। अंत में, वह अपनी चाकू से पुर्जों को जांचता है, लेकिन समस्या और बढ़ जाती है, जिससे उसे निराशा होती है। कहानी इस बात पर खत्म होती है कि बच्चे की कोशिशों के बावजूद घड़ी की स्थिति और भी जटिल हो जाती है। घड़ी Aachaarya Deepak Sikka द्वारा हिंदी लघुकथा 5.1k 3.6k Downloads 13.2k Views Writen by Aachaarya Deepak Sikka Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण It is a short story which is written in Haasya Ras . It is a story about a dream of a boy. The dream is very interesting. The story is written in Hindi Language. More Likes This यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 1 द्वारा Bikash parajuli Trupti - 1 द्वारा sach tar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी