कहानी "कर्मा" एक व्यक्ति के अनुभव के इर्द-गिर्द घूमती है जब वह एक दुकान पर जाकर सिगरेट खरीदता है। वह अपने पैसे के बारे में सोचता है और उसे लगता है कि दुकानदार ने उसे गलत रकम लौटाई है। हालाँकि, उसने यह सोचकर कुछ नहीं कहा कि "भगवान पैसे दे रहे हैं, क्यों मना करे।" वह दुकान से बाहर निकलकर शराब की दुकान की ओर बढ़ता है और सोचता है कि आज वह थोड़ी व्हिस्की खरीद लेगा। उसे चिकेन बनाने का भी ख्याल आता है, लेकिन फिर वह तय करता है कि क्यों झमेले में पड़े, हाफ तंदूरी खरीद लेता है। कहानी में उसके मानसिक संघर्ष और जीवन की सरलता का चित्रण किया गया है, जो उसके रोजमर्रा के जीवन के एक छोटे से पल को दर्शाता है। कर्मा Nimesh द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 4.2k 2.1k Downloads 7k Views Writen by Nimesh Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण एक छोटी सी कहानी है जिसका इरादा थोड़ा पाठको को हंसाने का है, कोई खास शिक्षा तो नहीं है इसमें, हाँ आप थोड़ा सोच में पड़ेंगे कि फिर बाद में और क्या हुआ, क्या उसने पैसे लौटाए, आखिए इस कहानी में हीरो कौन है, सच कौन बोल रहा है, दरअसल इस कहानी कएक मतलब ये भी है की दुनिया वैसी हीं होती है जैसा आप देखते हैं। More Likes This मजनू की मोहब्बत पार्ट-1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik मजनू की मोहब्बत द्वारा Deepak Bundela Arymoulik सैयारा का तैयारा द्वारा dilip kumar झग्गू पत्रकार (व्यंग सीरीज) द्वारा Deepak Bundela Arymoulik देसी WWE - गांव के पहलवान बनाम विलायती दंगल ! - 1 द्वारा sachim yadav कॉमेडी का तड़का - 1 द्वारा Kaju Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 3 द्वारा Sakshi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी