Galij Jindagi book and story is written by Ria Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Galij Jindagi is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. गलीज़ ज़िंदगी Ria Sharma द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 6 971 Downloads 3.6k Views Writen by Ria Sharma Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण औघड़ तू भी मेरा भला नहीं कर सका। बेकार रही तेरी भक्ति। जिन्दगी भर न तो तन को नया कपड़ा दिया, न पेट भर खाना। न घर न घरवाली। देख तेरे भक्त की हालात। है कोई इसे सँभालने वाली बनाकर दो रोटी देने वाली तू भी मेरा भला नहीं कर सका। कैसा भोले कैसा भक्त रात अक्सर नशे की हालत में बुदबुदाता वह लुढ़क कर सो जाता था। More Likes This बदलाव ज़रूरी है भाग -1 द्वारा Pallavi Saxena आशा की किरण - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi मंजिले - भाग 12 द्वारा Neeraj Sharma रिश्तों की कहानी ( पार्ट -१) द्वारा Kaushik Dave बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी