बेताल पच्चीसी - 8 Somadeva द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें लघुकथा किताबें बेताल पच्चीसी - 8 बेताल पच्चीसी - 8 Somadeva द्वारा हिंदी लघुकथा 1.6k 820 अंग देश के एक गाँव मे एक धनी ब्राह्मण रहता था। उसके तीन पुत्र थे। एक बार ब्राह्मण ने एक यज्ञ करना चाहा। उसके लिए एक कछुए की जरूरत हुई। उसने तीनों भाइयों को कछुआ लाने को कहा। वे ...और पढ़ेसमुद्र पर पहुँचे। वहाँ उन्हें एक कछुआ मिल गया। बड़े ने कहा, मैं भोजनचंग हूँ, इसलिए कछुए को नहीं छुऊँगा। मझला बोला, मैं नारीचंग हूँ, मैं नहीं ले जाऊँगा। सबसे छोटा बोल, मैं शैयाचंग हूँ, सो मैं नहीं ले जाऊँगा। वे तीनों इस बहस में पड़ गये कि उनमें कौन बढ़कर है। जब वे आपस में इसका फैसला न कर सके तो राजा के पास पहुँचे। राजा ने कहा, आप लोग रुकें। मैं तीनों की अलग-अलग जाँच करूँगा। कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें बेताल पच्चीसी - उपन्यास Somadeva द्वारा हिंदी - लघुकथा (304) 49.1k 33.1k Free Novels by Somadeva अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Somadeva फॉलो