इस कहानी में उज्जैन के राजा महाबल का एक दूत हरिदास है, जिसकी सुंदर बेटी महादेवी है। जब महादेवी विवाह योग्य होती है, तो हरिदास को उसकी चिंता होती है। राजा उसे एक दूसरे राजा के पास भेजता है, जहाँ हरिदास एक ब्राह्मण से मिलता है, जो उसकी बेटी को विवाह के लिए चाहता है। हरिदास यह तय करता है कि वह अपनी बेटी को उस व्यक्ति को देगा जिसमें सभी गुण हो। ब्राह्मण एक जादुई रथ का प्रस्ताव देता है, जो हरिदास को शीघ्रता से कहीं भी ले जा सकता है। अगले दिन, वे उज्जैन पहुँचते हैं, लेकिन दैवयोग से महादेवी के लिए तीन वर एकत्रित हो जाते हैं। तभी एक राक्षस महादेवी को उठाकर विंध्याचल पहाड़ पर ले जाता है। तीनों वर मिलकर उसे बचाने के लिए निकलते हैं; एक ज्ञानी, एक तेज रथ वाला, और एक जो तीर चलाना जानता है। वे सब मिलकर राक्षस को मार डालते हैं और महादेवी को बचाते हैं। इसके बाद बेताल राजा से पूछता है कि महादेवी को इन तीनों में से किसको दिया जाना चाहिए। राजा का उत्तर होता है कि उसे उसी को मिलनी चाहिए जिसने राक्षस को मारा, क्योंकि वही असली वीरता का परिचायक है। बेताल की कहानी में यह नैतिकता है कि वास्तविक वीरता और साहस की पहचान कैसे की जाती है। बेताल पच्चीसी - 5 Somadeva द्वारा हिंदी लघुकथा 9.9k 6.9k Downloads 13.2k Views Writen by Somadeva Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण उज्जैन में महाबल नाम का एक राजा रहता था। उसके हरिदास नाम का एक दूत था जिसके महादेवी नाम की बड़ी सुन्दर कन्या थी। जब वह विवाह योग्य हुई तो हरिदास को बहुत चिन्ता होने लगी। इसी बीच राजा ने उसे एक दूसरे राजा के पास भेजा। कई दिन चलकर हरिदास वहाँ पहुँचा। राजा ने उसे बड़ी अच्छी तरह से रखा। एक दिन एक ब्राह्मण हरिदास के पास आया। बोला, “तुम अपनी लड़की मुझे दे दो।” हरिदास ने कहाँ, “मैं अपनी लड़की उसे दूँगा, जिसमें सब गुण होंगे।” ब्राह्मण ने कहा, “मेरे पास एक ऐसा रथ है, जिस पर बैठकर जहाँ चाहो, घड़ी-भर में पहुँच जाओगे।” हरिदास बोला, “ठीक है। सबेरे उसे ले आना।” Novels बेताल पच्चीसी बहुत पुरानी बात है। धारा नगरी मे ने उसे मार डाला और स्वयं राजा बन बैठा। उसका राज्य दिनोंदिन बढ़ता गया और वह सारे जम्बूद्वीप का राजा बन बैठा। एक दिन उस... More Likes This यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 1 द्वारा Bikash parajuli Trupti - 1 द्वारा sach tar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी