**रूस के पत्र** - रवींद्रनाथ टैगोर रवींद्रनाथ टैगोर ने रूस के अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि रूस की समाज व्यवस्था और वहां की सभ्यता अन्य देशों से बिल्कुल भिन्न है। उन्होंने यह महसूस किया कि रूस में सभी लोगों को समान जागरूकता और अवसर दिए गए हैं, जो कि अन्य देशों में देखने को नहीं मिलता। उन्होंने समाज में एक ऐसे वर्ग का जिक्र किया, जो बड़े वर्ग के लिए काम करता है लेकिन खुद को मानवता से वंचित रखता है। ये लोग मेहनत करते हैं, लेकिन उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और सुख की सुविधाएं नहीं मिलतीं। टैगोर ने कहा कि सभ्यता का वास्तविक विकास तभी संभव है जब समाज के सभी वर्गों को समान अवसर मिले। वहां के सामाजिक ताने-बाने पर विचार करते हुए, उन्होंने यह भी बताया कि दया पर आधारित कोई स्थायी परिवर्तन संभव नहीं है। सिर्फ समानता के आधार पर ही सच्ची सहायता संभव है। उन्होंने इंग्लैंड का उदाहरण दिया, जहां भारत के संसाधनों का शोषण किया जा रहा है, जबकि भारतीय लोग शिक्षा और स्वास्थ्य के अधिकार से वंचित हैं। टैगोर ने इस स्थिति पर गहरी चिंता जताई और यह सोचने के लिए प्रेरित किया कि जब तक समाज के कमजोर वर्ग को ऊपर उठाने का प्रयास नहीं किया जाएगा, तब तक वास्तविक सभ्यता का विकास संभव नहीं है। रूस के पत्र - 1 Rabindranath Tagore द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 6 2.7k Downloads 7.3k Views Writen by Rabindranath Tagore Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मॉस्को आखिर रूस आ ही पहुँचा। जो देखता हूँ, आश्चर्य होता है। अन्य किसी देश से इसकी तुलना नहीं हो सकती। बिल्कुल जड़ से प्रभेद है। आदि से अन्त तक सभी आदमियों को इन लोगों ने समान रूप से जगा दिया है। हमेशा से देखा गया है कि मनुष्य की सभ्यता में अप्रसिद्ध लोगों का एक ऐसा दल होता है, जिनकी संख्या तो अधिक होती है, फिर भी वे ही वाहन होते हैं, उन्हें मनुष्य बनने का अवकाश नहीं, देश की सम्पत्ति के उच्छिष्ट से वे प्रतिपालित होते हैं। वे सबसे कम खा कर, सबसे कम पहन कर, सबसे कम सीख कर अन्य सबों की परिचर्या या गुलामी करते हैं सबसे अधिक उन्हीं का परिश्रम होता है। सबसे अधिक उन्हीं का असम्मान होता है। Novels रूस के पत्र सोवियत शासन के प्रथम परिचय ने मेरे मन को खास तौर से आकर्षित किया है, यह मैं पहले ही कह चुका हूँ। इसके कई विशेष कारण हैं और वे आलोचना के योग्य हैं। रू... More Likes This खेल खेल में - जादूई - भाग 1 द्वारा Kaushik Dave ऑगस्तो पिनोशे उगार्ते - एक तानाशाह की सत्य कथा - भाग 1 द्वारा MaNoJ sAnToKi MaNaS मत्स्य कन्या - 9 द्वारा Pooja Singh अतीत का साया - 1 द्वारा Kishanlal Sharma Rebirth of my Innocent Wife - 1 द्वारा Rani prajapati Reborn Agent Queen ka - 4 द्वारा Dark Queen डोनर गर्ल - 1 द्वारा S Sinha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी