यह कहानी "गूंगी" में सुभाषिणी नाम की एक लड़की की कथा है, जो बोलने में असमर्थ है। उसके माता-पिता ने उसकी बड़ी बहनों के नाम के साथ तुकबंदी मिलाने के लिए उसका नाम रखा। सुभा, जो बोल नहीं सकती, अपने परिवार के लिए एक नीरव बोझ बन गई है। उसकी माता उसे अपनी गलती समझती है, जबकि पिता उसे प्यार करते हैं। सुभा अपने परिवार की चिंताओं और दुखों को समझती है और चाहती है कि लोग उसे भूल जाएं। उसकी आंखों में गहरी भावनाएं हैं, जो बिना शब्दों के भी उसके मन की स्थिति को व्यक्त करती हैं। यह कहानी इस बात को दर्शाती है कि सुभा के बोलने में असमर्थ होने के बावजूद, वह अपने अनुभवों और भावनाओं को गहराई से महसूस करती है। गूंगी Rabindranath Tagore द्वारा हिंदी लघुकथा 1.2k 3.4k Downloads 21.3k Views Writen by Rabindranath Tagore Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कन्या का नाम जब सुभाषिणी रखा गया था तब कौन जानता था कि वह गूंगी होगी। इसके पहले,उसकी दो बड़ी बहनों के सुकेशिनी और सुहासिनी नाम रखे जा चुके थे, इसी से तुकबन्दी मिलाने के हेतु उसके पिता ने छोटी कन्या का नाम रख दिया सुभाषिणी। अब केवल सब उसे 'सुभा' ही कहकर बुलाते हैं। More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी