गोरा, जो एक उत्साही और निर्भीक व्यक्ति है, अपनी यात्रा पर अविनाश, मोतीलाल, वसंत और रमापति के साथ निकलता है। लेकिन उसकी ऊर्जा के आगे उसके साथी थकान का बहाना बनाकर लौट जाते हैं। गोरा अपने मार्ग में आने वाली कठिनाइयों से विचलित नहीं होता और गांव के लोगों के बीच अपनी बातों से उन्हें आकर्षित करता है। यात्रा के दौरान, गोरा भारत के ग्रामीण जीवन की वास्तविकता को देखता है, जिसमें लोगों की संगठित शक्ति की कमी, अज्ञानता और रूढ़िवादिता स्पष्ट होती है। एक बार, जब उसके गांव में आग लग जाती है, गोरा देखता है कि लोग घबराए हुए हैं लेकिन कोई ठोस कदम उठाने में असमर्थ हैं। गांव में पानी का कोई प्रबंध नहीं है और लोग अपनी समस्याओं के प्रति लापरवाह हैं। गोरा की चिंता इस बात पर है कि उसके साथी मोतीलाल और रमापति इस स्थिति से प्रभावित नहीं होते, जिससे वह और भी अधिक चिंतित होता है। इस तरह, गोरा अपने देश की सामाजिक और सांस्कृतिक समस्याओं को समझता है और यह देखता है कि कैसे लोगों की मानसिकता और व्यवहार उनके भविष्य को प्रभावित कर रहे हैं। गोरा - 9 Rabindranath Tagore द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 2.4k 3.2k Downloads 9.5k Views Writen by Rabindranath Tagore Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण गोरा जिस समय यात्रा पर निकला उसके साथ अविनाश, मोतीलाल, वसंत और रमापति, ये चार साथी थे। लेकिन गोरा के निर्दय उत्साह के साथ ये लोग लयबध्दता नहीं रख सके। बीमार हो जाने का बहाना करके अविनाश और वसंत तो चार-पाँच दिन में ही कलकत्ता लौट आए। केवल गोरा के प्रति श्रध्दा के कारण ही मोतीलाल और रमापति उसे अकेला छोड़कर वापिस नहीं आ सके, अन्यथा उनके कष्टों की सीमा नहीं थी। गोरा न तो पैदल चलकर थकता था, न कहीं रुके रह जाने से ऊबता था। गाँव का जो कोई गृहस्थ ब्राह्मण जानकर गोरा को श्रध्दापूर्वक घर में ठहराता, उसके यहाँ भोजन इत्यादि की चाहे जितनी असुविधा हो, तब भी गोरा वहीं टिका रहता था। गाँव-भर के लोग उसकी बात सुनने के लिए उसके चारों ओर इकट्ठे हो जाते और उसे छोड़ना ही न चाहते। Novels गोरा वर्षाराज श्रावण मास की सुबह है, बादल बरसकर छँट चुके थे, निखरी चटक धूप से कलकत्ता का आकाश चमक उठा है। सड़कों पर घोड़ा-गाड़ियाँ लगातार दौड़ रही हैं, फेर... More Likes This Operation Mirror - 3 द्वारा bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी