इस कहानी में नक्षत्रराय, त्रिपुरा का राजा, अपने सैनिकों के साथ आगे बढ़ता है और उसे हर गाँव में स्वागत मिलता है। वह अपने साम्राज्य का विस्तार महसूस करता है और मुगलों के प्रति उदारता दिखाने का प्रयास करता है, ताकि वे उसकी प्रशंसा करें। रघुपति, उसके साथी, युद्ध की तैयारी की कमी पर चिंता जताते हैं, जबकि नक्षत्रराय हंसते हुए कहता है कि उसका दुश्मन भयभीत है। वह यह भी बताता है कि वह दुश्मनों को दंडित करने की शक्ति रखता है, लेकिन अभी तय नहीं किया है कि क्या करना है। कहानी में नक्षत्रराय की सत्ता और शक्ति की भावना को दर्शाया गया है। राजर्षि - 4 Rabindranath Tagore द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 1.1k 3.3k Downloads 8.8k Views Writen by Rabindranath Tagore Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण नक्षत्रराय सैनिकों के साथ आगे बढ़ने लगा, कहीं तिलभर भी बाधा नहीं आई। त्रिपुरा के जिस भी गाँव में उसने कदम रखा, वही गाँव उसकी राजा के रूप में अगवानी करने लगा। पग-पग पर राजत्व का आस्वाद पाने लगा - क्षुधा और भी बढ़ने लगी, चतुर्दिक फैले खेत, ग्राम, पर्वत-श्रेणियाँ, नदी, सभी कुछ 'मेरा है' के रूप में अनुभव होने लगा तथा उसी अधिकार-विस्तार के साथ-साथ स्वयं भी जैसे बहुत दूर तक फैल कर अत्यधिक मजबूत होने लगा। मुगल सैनिकों ने जैसा चाहा, उसने बेरोकटोक उन्हें वैसा ही हुकुम दे दिया। सोचा, यह सभी मेरा है और ये लोग मेरे ही राज्य में आ पहुँचे हैं। इन्हें किसी प्रकार के सुख से वंचित नहीं करना है - मुगल अपने देश में लौट कर उसके आतिथ्य और राजावत उदारता और दानशीलता की बहुत प्रशंसा करेंगे कहेंगे, 'त्रिपुरा का राजा कोई छोटामोटा राजा नहीं है।' मुगल सैनिकों में अपने को प्रसिद्ध करने के लिए वह हमेशा उत्सुक रहता है। उन लोगों के द्वारा किसी प्रकार की श्रुति-मधुर बातचीत करने से वह एकदम पिघल जाता है। हमेशा डर बना रहता है कि कहीं किसी प्रकार की बदनामी का कारण न घट जाए! Novels राजर्षि राजर्षि के सम्बन्ध में कुछ कहने का अनुरोध किया गया है। कहने को विशेष कुछ नहीं है। इस बारे में मुख्य वक्तव्य यही है कि यह मेरा स्वप्न में उपलब्ध उपन्या... More Likes This DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान राख की शपथ: पुनर्जन्मी राक्षसी - पाठ 1 द्वारा Arianshika अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी