यह कहानी "देहाती समाज" में रमेश और उसकी ताई जी के बीच की गहरी भावनात्मक संबंध को दर्शाती है। रमेश ताई जी को पुकारता है, और वे तुरंत बाहर आती हैं। ताई जी, जो लगभग पचास वर्ष की हैं, फिर भी अपनी सुंदरता को बनाए रखे हुए हैं। उनकी उम्र के बावजूद, वे आकर्षक दिखाई देती हैं और रमेश उनकी छवि को ध्यान से देखता है। कहानी में यह भी बताया गया है कि ताई जी और रमेश की माँ के बीच एक गहरा संबंध था, जो उनके साझा दुखों से उत्पन्न हुआ था। दोनों ने संतानहीनता के कारण एक-दूसरे का सहारा लिया और एक मजबूत प्रेम का बंधन बना लिया। जब रमेश की माँ ताई जी के भंडार में जाती हैं, तो उन्हें ताई जी की याद आती है और वे भावुक होकर रोने लगती हैं। हालांकि, दोनों परिवारों में पहले से ही मनमुटाव था, जो कभी-कभी मुकदमेबाजी तक पहुँच जाता था। ताई जी की आँखों में आंसू होते हैं, लेकिन वह अपने भावनाओं को संयमित रखते हुए रमेश से पूछती हैं कि क्या उसने उन्हें पहचान लिया। यह भावनात्मक दृश्य कहानी की गहराई को दर्शाता है। देहाती समाज - 3 Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 7.2k 4.7k Downloads 11.6k Views Writen by Sarat Chandra Chattopadhyay Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 'ताई जी!' - रमेश ने पुकारा। उस समय वे भण्डार में थीं। आवाज सुनते ही बाहर निकल आई। वेणी को देखते हुए उनकी उम्र पचास साल के करीब होनी चाहिए। वैसे उनके गठे शरीर को देख कर तो वे चालीस के लगभग जान पड़ती थीं। आज उनका रंग साफ और गोरा था। उनकी जवानी में, उनकी सुंदरता की दूर-दूर तक चर्चा थी और वह सौंदर्य आज भी, शरीर के गठन के साथ बना हुआ था। बाल उनके विधावाओं की तरह कटे हुए थे, जिनकी छोटी -छोटी घुँघराली लटें माथे पर आ कर उनकी सुंदरता को बढ़ा रही थीं। अंग-प्रत्यंग, चिबुक, होंठ, कपोल, सारे के सारे उनकी सुंदरता के प्रमाण बने थे। उनकी आँखें तो मानो रस में डूबी हुई थीं। रमेश उनकी छवि की तरफ एकटक देखता रहा। Novels देहाती समाज बाबू वेणी घोषाल ने मुखर्जी बाबू के घर में पैर रखा ही था कि उन्हें एक स्त्री दीख पड़ी, पूजा में निमग्न। उसकी आयु थी, यही आधी के करीब। वेणी बाबू ने उन्ह... More Likes This Operation Mirror - 3 द्वारा bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी