"पी कहाँ?" कहानी में नूरजहाँ बेगम की खुशियों और इच्छाओं का वर्णन है। वह एक समृद्ध परिवार में जन्मी हैं, जहां हर खुशी का जमावड़ा होता है। नूरजहाँ चाँद के साथ खेलने की इच्छा रखती हैं और अपनी जिद पर अड़ जाती हैं। उनकी माँ एक जुगनू दिखाकर उन्हें चाँद समझाने की कोशिश करती हैं, जिससे उनका रोना बंद होता है। एक दिन, नूरजहाँ एक भव्य काफिले के साथ अपने प्रिय चाँद से मिलने के लिए निकलती हैं। इस काफिले में कई रईस और बेगम शामिल होते हैं, और सभी बेहद खुश नज़र आते हैं। वे एक डाक-बँगले पर पहुँचते हैं, जहाँ नादिरजहाँ बेगम और अन्य लोग मिलते हैं। कहानी में दुनिया के दो रंगों का भी उल्लेख है - खुशी और ग़म, जो जीवन की वास्तविकता को दर्शाता है। पी कहाँ? - 9 Ratan Nath Sarshar द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 2.4k 2.3k Downloads 7.8k Views Writen by Ratan Nath Sarshar Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण है दुनिया दुरंगी मकारा-सराय कहीं खूब-खूबाँ, कहीं हाय-हाय दुनिया के यही माने हैं। गो यह शेर भदेसल है, मगर कदर के काबिल है। कितना सच्चा मजमून हैं! दुनिया और दुनियावालों की दोरंगी जाहिर है। मुँह पर कुछ, पीठ-पीछे कुछ। मकारा-सराय के यह मानी, कि मकर की जगह : मकर और जोर-जबरदस्ती से भी हुई। दूसरे मिसरे के मजमून से कौन इनकार कर सकता है। कोई हँस रहा है, तो कोई रो रहा है। किसी की बरात धूम-धाम से ससुराल जाती है, किसी का जनाजा लोग कब्रिस्तान लिए जाते हैं। एक के यहाँ खुशी के शादियाने बजते हैं, दूसरे के यहाँ कुहराम मचा हुआ है। नूरजहाँ बेगम पोतड़ों की रईसा - जिस दिन पैदा हुई थीं मियाँ जोश की चढ़ाई पर घर-घर खुशी हुई थी। एक हफ्ते तक तोरे-बंदी, दस रोज तक नाच-रंग। जब लड़की बड़ी हुई तो घर भर की पुतलियों का तारा, बच्चा, सब की जान से प्यारा। आसमान के तारे और चिड़िया का दूध भी माँगती तो माँ-बाप ला कर मौजूद कर देते। Novels पी कहाँ? पी कहाँ! पी कहाँ! पी कहाँ! पी कहाँ!; मंगल का दिन और अँधेरी रात, बरसात की रात। दो बज के सत्ताईस मिनट हो आए थे। तीन का अमल। सब आराम में। सोता संसार, जा... More Likes This Operation Mirror - 3 द्वारा bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी