यह कहानी नूरजहाँ बेगम की है, जो एक जंगल में अपने परिवार के सदस्यों के साथ रहती है। उसकी माँ और बहन उसकी सुरक्षा और देखभाल के लिए वहाँ हैं। नूरजहाँ बेगम पहले तो भीतर ही भीतर 'पी कहाँ! पी कहाँ!' कहकर खुद को दिलासा देती है, लेकिन जब उसका जुनून बढ़ जाता है, तो वह शर्म और लिहाज को छोड़कर उसे ढूँढने लगती है। वह हर पेड़, दीवार, और पौधे से पूछती है कि 'पी कहाँ!' उसकी माँ, बहन और परिवार के अन्य सदस्य दुखी हैं क्योंकि नूरजहाँ बेगम की बीमारी का कोई इलाज नहीं है। नवाब दूल्हा शहर से हकीम को बुलवाते हैं, जो कई दिनों तक इलाज करते हैं, लेकिन उसकी बीमारी बढ़ती जाती है। अंत में, हकीम सलाह देते हैं कि किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह ली जाए, क्योंकि उनकी बीमारी या तो किसी भूत-प्रेत का साया है या किसी पर नूरजहाँ बेगम का दिल आया है। यह कहानी नूरजहाँ बेगम के संवेदनशील मनोदशा और उसके परिवार के दुख को दर्शाती है, जो उसकी स्थिति को समझने और ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं। पी कहाँ? - 8 Ratan Nath Sarshar द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 605 2.6k Downloads 7.6k Views Writen by Ratan Nath Sarshar Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अब इधर का हाल सुनिए कि नूरजहाँ बेगम की माँ और बहन उसी जंगल के बाग में साहबजादी की तसल्ली और हिफाजत और इलाज और निगरानी के लिए टिके रहे। पहलेपहल तो नूरजहाँ बेगम लिहाज के मारे दिल ही दिल में 'पी कहाँ! पी कहाँ!' कह कर दिल की जरा-जरा ढारस व दिलासा देती थी, कि ऐसा न हो कि ये लोग यह आवाज सुन कर अपने दिल में कहें कि लड़की हाथ से जाती रही - बिलकुल बदलिहाज हो गई : कल की छोकरी और हमारे सामने यह बदलिहाजी! लेकिन जब जुनून ने औप ज्यादा जोर किया, और सब्र का दामन हाथ से छूटने लगा, - तो शर्म बिला इजाजत गायब-गुल्ला : किसका लिहाज और किसका खयाल, और किसकी शर्म और किसका पर्दा। Novels पी कहाँ? पी कहाँ! पी कहाँ! पी कहाँ! पी कहाँ!; मंगल का दिन और अँधेरी रात, बरसात की रात। दो बज के सत्ताईस मिनट हो आए थे। तीन का अमल। सब आराम में। सोता संसार, जा... More Likes This उजाले की राह द्वारा Mayank Bhatnagar Operation Mirror - 3 द्वारा bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी