यह कहानी "पी कहाँ?" नामक एक नाजुक लड़के की है जो एक अंधेरी और बरसात वाली रात में एक भव्य महल की छत पर सो रहा है। कहानी की शुरुआत में, रात का सन्नाटा और घुप्प अंधेरा दर्शाया गया है, जिसमें केवल कुछ चमकते हुए जुगनू और कौंढे के लौंकने से बिजली की चमक दिखाई देती है। लड़का, जो लगभग सोलह वर्ष का है, खूबसूरत और सज-धज कर सोया हुआ है। जब अचानक बादल गरजते हैं, तो उसका नींद खुलता है और वह अंधेरे में बेचैन हो जाता है। वह अपने चारों ओर देखता है और अपनी सहेली फैजन को जगाता है, जो उस समय चारपाई पर सो रही थी। फैजन अंधेरे की स्थिति को देखकर आश्चर्यचकित होती है और एक काफूरी शमा जलाती है। इस दौरान, लड़का फिर से टहलने लगता है और अचानक "पी कहाँ! पी कहाँ!" की आवाज सुनाई देती है, जो कहानी में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देती है। कहानी इस अंधेरे और रहस्यपूर्ण वातावरण में आगे बढ़ती है, जिसमें लड़के के अनुभव और भावनाएं महत्वपूर्ण हैं। पी कहाँ? - 1 Ratan Nath Sarshar द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 6.1k 3.1k Downloads 8.4k Views Writen by Ratan Nath Sarshar Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 'पी कहाँ! पी कहाँ! पी कहाँ! पी कहाँ!' मंगल का दिन और अँधेरी रात, बरसात की रात। दो बज के सत्ताईस मिनट हो आए थे। तीन का अमल। सब आराम में। सोता संसार, जागता पाक परवरदिगार। सन्नाटा पड़ा हुआ। अँधेरा घुप्प छाया हुआ। हाथ को हाथ नहीं सूझता था। दो चीजों से अलबत्ता अँधेरा जरा यों ही-सा कम हो जाता था, और वह भी पलक मारने तक को - एक तो कौंढे के लौंकने से बिजली चमकी और गायब, दूसरे जुगनू की रोशनी। नाखून के बराबर कीड़ा, मगर दामिनी की दमक से मुकाबला करने वाला। आसमान पर वह और जमीन पर यह। कोई मिनकता भी न था। अगर कोई आवाज आती थी तो पत्तों के खड़खड़ाने की। हवा के जन्नाटे के साथ चलने से दरख्तों पत्ते गोया तालियाँ बजाते थे। तारे सब गायब। जमीन से आसमान तक एक ही तरह का अँधेरा छाया हुआ - घटाटोप अँधेरा। अगर हवा तेजी के साथ न चलती तो मूसलाधार मेंह बरसता और खूब दूर-दूर तक बारिश होती। Novels पी कहाँ? पी कहाँ! पी कहाँ! पी कहाँ! पी कहाँ!; मंगल का दिन और अँधेरी रात, बरसात की रात। दो बज के सत्ताईस मिनट हो आए थे। तीन का अमल। सब आराम में। सोता संसार, जा... More Likes This उजाले की राह द्वारा Mayank Bhatnagar Operation Mirror - 3 द्वारा bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी