यह कहानी "प्यासी धरती, प्यासे लोग" के विषय में है। लगभग 40 साल पहले, विश्व की आबादी आज की तुलना में आधी थी। आबादी के बढ़ने, औद्योगीकरण और जलवायु परिवर्तन के कुप्रभावों के कारण जल की उपलब्धता कम हो गई है। आज, जल एक वैश्विक संकट बन चुका है। हालांकि पृथ्वी पर 70% जल है, लेकिन इसमें से लगभग 97% जल खारा है। बचे हुए 3% में से भी बहुत कम मात्रा में मीठा पानी उपलब्ध है। इस स्थिति ने पानी की आवश्यकता को और महत्वपूर्ण बना दिया है। लोगों की घरेलू पानी की खपत भी बढ़ गई है, जिससे समस्या और बढ़ गई है। प्यासी धरती प्यासे लोग S Sinha द्वारा हिंदी पत्रिका 2 3.2k Downloads 16.2k Views Writen by S Sinha Category पत्रिका पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण यह एक संक्षिप्त लेख है जिसके द्वारा पूरे विश्व में जल, विशेष कर पेय जल, के संकट के बारे में चर्चा की गयी है। साथ ही हमें भविष्य में जल की भीषण समस्या से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। More Likes This कल्पतरु - ज्ञान की छाया - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) नव कलेंडर वर्ष-2025 - भाग 1 द्वारा nand lal mani tripathi कुछ तो मिलेगा? द्वारा Ashish आओ कुछ पाए हम द्वारा Ashish जरूरी था - 2 द्वारा Komal Mehta गुजरात में स्वत्तन्त्रता प्राप्ति के बाद का महिला लेखन - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अंतर्मन (दैनंदिनी पत्रिका) - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी