इस कहानी में ज़ुबैदा की शादी उसकी पच्चीसवीं उम्र में होती है, जबकि उसके माता-पिता चाहते थे कि उसका विवाह सत्रह साल की उम्र में हो जाए। अंततः उसके पिता ने एक तीस-पैंतीस वर्षीय व्यक्ति, इल्म उद्दीन, से रिश्ता तय किया, जो एक सफल व्यापारी था। ज़ुबैदा ने अपने माता-पिता की इच्छा का सम्मान करते हुए शादी स्वीकार की। शादी के बाद इल्म उद्दीन ज़ुबैदा का बहुत ख्याल रखता है और उसे सभी सुख-सुविधाएँ प्रदान करता है। ज़ुबैदा हर हफ्ते अपने माता-पिता से मिलने जाती है। एक दिन जब वह अपने घर पहुंचती है, तो उसे पता चलता है कि उसके पिता का निधन हो गया है। अब उसकी माँ अकेली रह गई है। ज़ुबैदा ने अपने पति से आग्रह किया कि उसकी माँ को अपने पास बुला लिया जाए। इल्म उद्दीन ने कहा कि इसकी अनुमति लेने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उसकी माँ भी उनके लिए महत्वपूर्ण है।
औलाद
Saadat Hasan Manto
द्वारा
हिंदी लघुकथा
Four Stars
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विवरण
जब ज़ुबेदा की शादी हुई तो उस की उम्र पच्चीस बरस की थी। इस के माँ बाप तो ये चाहते थे कि सत्तरह बरस के होते ही उस का ब्याह हो जाये मगर कोई मुनासिब-ओ-मौज़ूं रिश्ता मिलता ही नहीं था। अगर किसी जगह बात तै होने पाती तो कोई ऐसी मुश्किल पैदा हो जाती कि रिश्ता अमली सूरत इख़्तियार न कर सकता।
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