Sansarik Prem aur Deshprem book and story is written by Munshi Premchand in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Sansarik Prem aur Deshprem is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. सांसारिक प्रेम और देशप्रेम Munshi Premchand द्वारा हिंदी लघुकथा 965 Downloads 7.8k Views Writen by Munshi Premchand Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण सुबह से उसने एक सिगार भी नहीं पिया तंबाकू ही दुनिया की वह नेमत थी जिससे वह हाथ नहीं खीच सकता था और आज तो उसे वह भी नसीब नहीं हुआ मगर उस वक्त उसे अपनी उतनी फ़िक्र नहीं थी जितनी की रफेती की होती थी रफेती नौजवान खुशहाल और खूबसूरत तथा होनहार थी और उसका जिक्र भी आज उस पर भारी हो रहा था वह अपनेआप से पूछ रहा है की मुझे क्या हक है की मैं किसी ऐसे आदमी को अपने साथ गरीबी की तकलीफें झेलने पर मजबूर करू, जिसके स्वागत के लिये सारी दुनिया बस नेमतें बाहें खोले खड़ी है इतने में चिठ्टीरसा ने पूछा... More Likes This तलाक - 1 द्वारा aruhi लव एंड ट्रेजडी - 14 द्वारा Urooj Khan हैवानियत - 1 द्वारा aruhi अपने हिस्से का दुःख! द्वारा रेखा श्रीवास्तव Darde Mohhabat - 1 द्वारा aruhi आज की कहानी द्वारा Arya Tiwari शिववीर -The story of Love - 1 द्वारा Satyam Khaire अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी