इस कहानी में एक मास्टर जी अपने छात्र से राष्ट्रगान और महापुरुषों के बारे में सवाल पूछते हैं। छात्र राष्ट्रगान के बजाय फिल्मी गाने गाता है और महापुरुषों के नाम पूछने पर दाउद इब्राहिम और फिल्मी सितारों के नाम बताता है। मास्टर जी छात्र की बातों पर नाराज होते हैं और उसे स्वतंत्रता सेनानियों जैसे भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस का नाम बताने को कहते हैं, लेकिन छात्र इन नामों से अनजान होता है। इसके बाद, छात्र मास्टर जी को हंसी में लेते हुए कहता है कि आजकल के महान लोग भ्रष्टाचार को महापुरुष मानते हैं। अंत में, छात्र भ्रष्टाचार को एक फल बताते हुए कहता है कि यह वही फल है जिसे हर कोई खा रहा है, और मास्टर जी इस 'फल' के बारे में जानने के लिए उत्सुक हो जाते हैं। कहानी में व्यंग्य और हास्य का उपयोग करते हुए यह दिखाया गया है कि आधुनिक युवा पीढ़ी की सोच और उनके आदर्श किस प्रकार बदल गए हैं। देश का महापुरुष कैसा हो ? Girish Pankaj द्वारा हिंदी लघुकथा 526 1.8k Downloads 8.8k Views Writen by Girish Pankaj Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Desh ka Mahapurush Kaisa ho? More Likes This अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 1 द्वारा Bikash parajuli अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी