यह कहानी चुनाव के मौसम में ज्योतिषियों की सक्रियता और उनके भविष्यवाणियों के प्रति नेताओं की निर्भरता को दर्शाती है। जैसे ही चुनाव की घोषणा होती है, ज्योतिषी सक्रिय हो जाते हैं और लोग अपनी जीत के लिए उनके पास आते हैं। स्वामी त्रिखंडानंद एक ज्योतिषी हैं, जिनके पास नेता बरसातीलाल अपनी जीत की संभावना जानने आते हैं। त्रिखंडानंद बताते हैं कि बरसातीलाल जीत सकते हैं, लेकिन नेता घबरा जाते हैं और हार की संभावना से डरते हैं। त्रिखंडानंद उन्हें आश्वस्त करते हैं कि अगर वे विधानसभा चुनाव हारते हैं तो लोकसभा के लिए टिकट मिल सकता है। इस प्रकार, कहानी चुनावी राजनीति में ज्योतिषियों की भूमिका और नेताओं की असुरक्षा को हास्यपूर्ण तरीके से प्रस्तुत करती है। ज्योतिषियों का धुप्पल-राग Girish Pankaj द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 11 2k Downloads 6.4k Views Writen by Girish Pankaj Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Jyotishiyon ka Dhuppal Raag More Likes This Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 3 द्वारा Sakshi Devkule मोहब्बत की दास्तान - 1 द्वारा Vishal Saini शोसल मीडिया और भगवत प्रसाद - 1 द्वारा saif Ansari हास्यास्त्र भाग–१ द्वारा Bhaveshkumar K Chudasama थ्री बेस्ट फॉरेवर - 1 द्वारा Kaju मैं मंच हूँ द्वारा Dr Mukesh Aseemit प्यार बेशुमार - भाग 8 द्वारा Aarushi Thakur अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी