पंकज वर्मा नामक एक लेखक ने कविता लिखने की कोशिश की, लेकिन उसे जन्मजात प्रतिभा नहीं थी। उसने अपनी तीन कविताएं तैयार कीं और पांच अख़बारों को भेज दीं। इनमें से एक कविता एक स्थानीय अख़बार में छप गई, जिससे उसे कुछ पहचान मिली। उत्साहित होकर, वह एक प्रसिद्ध लेखक धाकड़ जी के पास गया। धाकड़ जी ने उसे बताया कि साहित्य में सफलता पाने के लिए एक बड़े गिरोह से जुड़ना जरूरी है। पंकज ने धाकड़ जी से मदद मांगी, लेकिन धाकड़ जी ने उसे सलाह दी कि वह लघु पत्रिकाएं निकाले और उनमें लिखे। उन्होंने पंकज को पचास लघु पत्रिकाओं के पते दिए और बताया कि उसे चंदा और विज्ञापन भी देना होगा। धाकड़ जी ने एक भारी लघु पत्रिका दिखाई, जिससे पंकज को यह समझ आया कि लघु पत्रिकाएं कितनी मेहनत से बनाई जाती हैं। धाकड़ जी ने बताया कि इस अंक की कीमत सौ रुपये है और अच्छी पत्रिकाएं पढ़ने से पंकज को कविता लिखने के नए तरीके सीखने को मिलेंगे। पंकज को इस सब से साहित्य जगत की कठिनाइयों का अहसास हुआ। Patrika Vijnes Mahatmay Sudarshan Vashishth द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 1 1.8k Downloads 5.7k Views Writen by Sudarshan Vashishth Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Patrika Vijnes Mahatmay - Sudarshan Vashishth More Likes This Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 3 द्वारा Sakshi Devkule मोहब्बत की दास्तान - 1 द्वारा Vishal Saini शोसल मीडिया और भगवत प्रसाद - 1 द्वारा saif Ansari हास्यास्त्र भाग–१ द्वारा Bhaveshkumar K Chudasama थ्री बेस्ट फॉरेवर - 1 द्वारा Kaju मैं मंच हूँ द्वारा Dr Mukesh Aseemit प्यार बेशुमार - भाग 8 द्वारा Aarushi Thakur अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी