**खुदी** - मुंशी प्रेमचंद प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को लमही गाँव, बनारस के पास हुआ। उनके पिता अजायब राय डाकखाने में मामूली नौकरी करते थे। आठ साल की उम्र में माँ का निधन होने के बाद प्रेमचंद ने कठिनाइयों का सामना किया। उनके पिता की दूसरी शादी के कारण प्रेमचंद को प्यार और स्नेह नहीं मिला और उनका जीवन गरीबी में गुजरा। प्रेमचंद का विवाह केवल 15 साल की उम्र में हुआ, लेकिन पत्नी उम्र में बड़ी और unattractive थी, जिससे वह दुखी रहे। विवाह के एक साल बाद उनके पिता का निधन हो गया और घर का पूरा बोझ प्रेमचंद पर आ गया। आर्थिक कठिनाइयों के कारण उन्हें अपने कपड़े और किताबें बेचना पड़ा। अंततः, एक हेडमास्टर ने उन्हें शिक्षक के रूप में नियुक्त किया। प्रेमचंद ने गरीबी के बावजूद अपनी पढ़ाई मैट्रिक तक पूरी की। पढ़ाई के दौरान उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्होंने एक वकील के यहाँ ट्यूशन लेकर अपने जीवन का खर्च चलाया, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति हमेशा चुनौतीपूर्ण रही। खुदी Munshi Premchand द्वारा हिंदी लघुकथा 1.8k Downloads 8.6k Views Writen by Munshi Premchand Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मुन्नी जब पांच साल की थी तब ही दिलदारनगर आ गई थी मोहक सूरत वाली मुन्नी जब थोड़ी बड़ी हो गई तो वो हर वो काम करती थी जो लोग उसे देते थे और ऐसे करते करते.... More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी