"साहिब है रंगरेज़" सुदर्शन वशिष्ठ की एक पुस्तक है, जिसमें विभिन्न कहानियों का समावेश किया गया है। सुदर्शन वशिष्ठ का जन्म 24 सितंबर, 1949 को पालमपुर, हिमाचल प्रदेश में हुआ था। उन्होंने 125 से अधिक पुस्तकों का संपादन और लेखन किया है, जिनमें कहानी संग्रह, लघु उपन्यास, नाटक, व्यंग्य संग्रह, और काव्य संकलन शामिल हैं। वह हिमाचल प्रदेश की संस्कृति, यात्रा और लोक कथाओं पर कई शोध और लेखन कर चुके हैं। उनकी कृतियों में "आतंक", "नदी और रेत", और "जो देख रहा हूं" जैसे प्रमुख काम शामिल हैं। उन्हें विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत किया गया है, और उनके कई लेख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हुए हैं। सुदर्शन वशिष्ठ ने कई पत्रिकाओं का संपादन किया है और साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी के पूर्व सचिव और उपाध्यक्ष रहे हैं और वर्तमान में विभिन्न साहित्यिक समितियों के सदस्य हैं। साहिब हैं रंगरेज Sudarshan Vashishth द्वारा हिंदी लघुकथा 2.1k Downloads 5.9k Views Writen by Sudarshan Vashishth Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Sahib hain Rangrej More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी