यह कहानी "औरतें" सुदर्शन वशिष्ठ द्वारा लिखी गई है, जिसमें महिलाओं के जीवन और उनके दिनचर्या को दर्शाया गया है। कहानी में यह बताया गया है कि औरतें सुबह-सवेरे आंगन और सड़क को साफ करती हैं। यह काम वे इसीलिए करती हैं क्योंकि पुरुष सोते रहते हैं और घर में उनकी उपस्थिति को अपशकुन माना जाता है। औरतें अपने काम में व्यस्त होती हैं, सूखे पत्तों और अन्य गंदगी को हटाने के लिए। कहानी में यह भी दिखाया गया है कि चाहे आंगन साझा हो या अलग, औरतें अपने घर के आस-पास की सफाई के प्रति जिम्मेदार होती हैं। वे बच्चों के खेलने की जगह को भी साफ रखेंगी। इस प्रकार, कहानी में औरतों के परिश्रम, त्याग और उनके दैनिक जीवन की मेहनत को एक महत्वपूर्ण संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है। औरतें Sudarshan Vashishth द्वारा हिंदी कविता 1.2k 1.9k Downloads 5.1k Views Writen by Sudarshan Vashishth Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Aurtein More Likes This जिंदगी संघर्ष से सुकून तक कविताएं - 1 द्वारा Kuldeep Singh पर्यावरण पर गीत – हरा-भरा रखो ये जग सारा द्वारा Poonam Kumari My Shayari Book - 2 द्वारा Roshan baiplawat मेरे शब्द ( संग्रह ) द्वारा Apurv Adarsh स्याही के शब्द - 1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik अदृश्य त्याग अर्धांगिनी - 1 द्वारा archana ग़ज़ल - सहारा में चल के देखते हैं - प्रस्तावना द्वारा alka agrwal raj अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी