डॉ मेहुल एक व्यस्त अस्पताल में काम कर रहे हैं और लगातार 48 घंटे तक मरीजों की देखभाल कर रहे हैं। इस दौरान, दो मरीजों की मृत्यु हो जाती है, जिससे वार्ड का माहौल गमगीन हो जाता है। एक मरीज, जो बैड नंबर 23 पर था, यह सोचकर भाग जाता है कि यमदूत उसके पास हैं और वह अपने घर जाकर मरना चाहता है। डॉ मेहुल इस स्थिति का सामना करते हैं, लेकिन मरीज के तर्क से वह चौंक जाते हैं और उसे छुट्टी दे देते हैं। अगली सुबह, डॉ सपना, जो डॉ मेहुल की सहकर्मी हैं, ड्यूटी पर आती हैं। दोनों डॉक्टर चिकित्सा की पढ़ाई एक साथ कर चुके हैं और अब हाउस जॉब कर रहे हैं। डॉ सपना की उपस्थिति से मरीज खुश रहते हैं, और वार्ड में सब कुछ सामान्य दिखता है। नर्क की अप्सरा Ved Prakash Tyagi द्वारा हिंदी लघुकथा 38.4k 1.8k Downloads 8.3k Views Writen by Ved Prakash Tyagi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जब डॉ सपना वापस चलने लगी, सभी मरीज हाथ जोड़ कर कहने लगे, डॉ दीदी! हमारी कॉलोनी तो नर्क है, आप एक अप्सरा की तरह सुंदर हो इसलिए हम तो आपको नर्क की अप्सरा कह कर पुकारते हैं, आप अप्सरा की तरह ही हमारे इस नारकीय जीवन में खुशियाँ ला रही हो। More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी