देवीलाल अपने दफ्तर से लौटते हैं, और घर में घुसते ही अपने दिन की परेशानियों को लेकर भुनभुनाते हैं। उनकी पत्नी रसोई से बाहर आती हैं और चाय बनाने की पेशकश करती हैं, लेकिन देवीलाल उनकी इस बात पर नाराज होते हैं। वह अपनी पत्नी से यह कहकर चुप करा देते हैं कि उन्हें तीस साल बाद भी यह बताना पड़ रहा है कि क्या करना है। देवीलाल का दिन खराब रहा था क्योंकि दफ्तर में उनके बॉस ने उन्हें डांटा था। वह इस गुस्से को घर लाते हैं और रास्ते में एक कुत्ते को भी लात मार देते हैं। घर पहुंचकर, उनका ध्यान बड़े बेटे संजय पर जाता है, जो बिस्तर पर लेटा हुआ है। देवीलाल उसे डांटते हैं कि शाम को सोना अपशगुन होता है और उसकी पढ़ाई खराब हो रही है। संजय सिर झुका कर सुनता है, लेकिन देवीलाल को लगता है कि उनकी डांट का कोई असर नहीं हो रहा है। कहानी में देवीलाल की दैनिक जीवन की चुनौतियों और परिवार के सदस्यों के बीच के संवाद को दर्शाया गया है। मुझे क्यूँ डाँटा Neetu Singh Renuka द्वारा हिंदी लघुकथा 5 1.1k Downloads 5.7k Views Writen by Neetu Singh Renuka Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अक्सर होता है और मनोविज्ञान शास्त्र में भी बताया गया है कि हम किसी और का गुस्सा किसी और पर उतार देते हैं। इसे Emotional Contagion कहते हैं। एक बानगी देखिए। More Likes This Chai ki Pyali - 1 द्वारा Mansi गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां - भाग 1 द्वारा Amit Kumar HIDDEN BILLIONAIRE - 1 द्वारा Dhiru Shukla बेधड़क दरोगा जी द्वारा Devendra Kumar राधे ..... प्रेम की अंगुठी दास्तां - 1 द्वारा Soni shakya चिंगारी: जो बुझी नहीं - 1 द्वारा Sumit Sharma परिमल - 1 द्वारा Madhavi Marathe अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी