Ek aadim ratri ki mahak book and story is written by Phanishwar Nath Renu in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Ek aadim ratri ki mahak is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. एक आदिम रात्रि की महक Phanishwar Nath Renu द्वारा हिंदी लघुकथा 26 6.2k Downloads 39.9k Views Writen by Phanishwar Nath Renu Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण एक आदिम रात्रि की महक (फणीश्वरनाथ रेणु) फणीश्वर नाथ रेणु की छोटी कहानियों के संग्रहो मे से प्रमुख रचना है और इस कहानी का नाम है ’आदिम रात्री की महक’। यह मानव करुणा का एक बढ़िया उदाहरण है और हम जिस जगह में रहते हैं तथा अपने आसपास लोगो जानवरो तथा चीजो से से जो लगाव और बंधन हमारे जीवन मे विकसीत होता है। उसे बड़े बारीक तरीके से इस कहानी मे उकेरा गया है। रेणु यह कहना चाहता है कि प्रेम की भावना एक व्यक्ति (इंसान) की एकमात्र आंतरिक गुणवत्ता है जो वह उनके साथ करती है और इस प्रकार यह गुण केवल एक प्राचीन रात्रि की सुगंध के रूप में कहा जा सकता है। एक व्यक्ति के जीवन के हर रूप में प्रेम की यह चेतना मौजूद है कि क्या वह एक समृद्ध समुदाय से संबंधित है या वह गरीब है, जिसका घर है जहां उसका शरीर है। हर व्यक्ति में मौजूद प्रेम की भावना उसके विशालता में समान है यह केवल उस प्रेम की अभिव्यक्ति है जो हर व्यक्ति में अलग है यह एक अनाथ लड़के की प्रेम कहानी है जो रेलवे बाबुओं (अधिकारियों) की सेवा में बड़ा हुआ। वह लड़का जिसे किसी के द्वारा कभी प्यार नहीं किया गया था, लेकिन वह हर किसी से और उसके चारों ओर सब कुछ प्यार करता था रेलवे स्टेशन उसका जीवन था। रेलवे पटरियों और उनके संकेत कर्मा (लड़के के नाम) रक्त में हैं वह उस दिन से एक दिन दूर नहीं रह सकता। वह बचपन से ही एक रेलवे स्टेशन से दूसरे रेलवे स्थान पर बाबु के साथ स्थानांतरण करता रहता है। लेकिन समय आ गया है कि अब उसे अपनी यात्रा बंद करने का फैसला करना है क्योंकि उसे एक लड़की से प्यार हो जाता है किंतु यात्रा से उसका लगाव इतना मजबूत है की वो फैसला नही कर पा रहा। उसे अकसर रात्री को एक महक आगोश मे ले लेती है जिसे वो आदिम रात्री की महक कहता है उसे अब उस जगह से प्यार हो गया था और आखिरकार जब वो अपने रेलवे बाबू के साथ ट्रेन मे बैठ जाता है तो उसे एक खास गंध उसे रोकने लगती है और वो चलती ट्रेन से उतर जाता है। More Likes This दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish नो मोर अभी नहीं द्वारा S Sinha शैतान का कुचक्र - 1 द्वारा LM Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी