शहर के मुख्य रास्ते पर एक प्राइवेट चालक ने एक आदमी और उसकी दस साल की बेटी को कुचल दिया। हादसे के बाद ड्राइवर भाग गया और बस वहीं छोड़ दी। पिता की मृत्यु हो गई, जबकि बेटी की हालत गंभीर थी। पुलिस ने सूचना मिलने पर एम्बूलेंस बुलाकर उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन पिता और बेटी दोनों की मृत्यु हो गई। पुलिस ने बस के नंबर से ट्रासपोर्ट कंपनी का पता लगाया और ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई में विलंब किया, ट्रासपोर्ट मालिक ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह ड्राइवर को थाने भेज देगा। मृतक रामदास के परिवार को हादसे की सूचना दी गई, जिससे उनकी पत्नी और माँ सदमे में आ गईं। टारगेट Dharm द्वारा हिंदी लघुकथा 5.3k 3.2k Downloads 13k Views Writen by Dharm Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण आज का समय पूरी तरह व्यवसायिक है. जहाँ हम अपने फायदे के लिए दूसरे को नुकसान पहुँचाने से भी पीछे नहीं हटते. क्योंकि हमें अपना फायदा चाहिए. टारगेट कहानी इसी बिषय पर आधारित है. More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी