यह कहानी मनु की है, जो सुबह जल्दी उठती है क्योंकि उसे कोर्ट में केस की सुनवाई के लिए जाना है। पहले वह कभी इतनी सुबह नहीं उठी थी, लेकिन अब वह हर बात का ख्याल रखती है। सुबह की धुंध में, वह गार्डन में अखबार पढ़ रही होती है, तभी दूधवाला आता है। मनु उसकी देरी पर नाराज होती है, लेकिन फिर सोचती है कि उसे अपनी आवाज़ को कोमल रखना चाहिए। वह दूधवाले को दूध की मात्रा कम करने के लिए कहती है और खुद को समझाती है कि उसे ऐसा करने से कोई नुकसान नहीं होगा। कहानी मनु के आंतरिक संघर्ष और सच के लिए उसकी लड़ाई को दर्शाती है। स्वर Neetu Singh Renuka द्वारा हिंदी लघुकथा 2.4k 2.2k Downloads 7k Views Writen by Neetu Singh Renuka Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मनु के जीवन में बहुत बदलाव आ गए हैं, उसने अपने अंदर उठने वाली बातों पर बहुत ध्यान देकर उसे सुनना शुरू कर दिया हऐ, विशेषकर तब से, जब से वह अपने मृत पति की लड़ाई लड़ने लगी है। More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी